अब लव जिहाद (Love-Jihad) करनें वालों की खैर नहीं, बना क़ानून… धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को राज्यपाल ने दी मंजूरी…

@भोपाल//पंचायत समीक्षा।।
मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम- 2021 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने राजपत्र में इसकी अधिसूचना का प्रकाशन भी कर दिया है। अब यह कानून बन गया है। अध्यादेश के जरिये मध्यप्रदेश में पहले से ही लागू था लव जिहाद को रोकने के लिए प्रविधान प्रदेश में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने इस कानून के प्रविधानों को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया था। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधेयक लाया गया। कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध किया था। सदन में भारी हंगामे के बीच ध्वनिमत से विधेयक को पारित किया गया था।
कानून के मुख्य प्रविधान :
– बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरिया मतांतरण करवाकर शादी करने पर 10 साल की सजा। यह गैर-जमानती अपराध है।
– मतांतरण और मतांतरण के बाद किए जाने वाले विवाह के दो माह पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
– बगैर आवेदन दिए मतांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी पांच साल तक की सजा का प्रविधान है।
– मतांतरण और जबरिया किए जा रहे विवाह की शिकायत पीडि़ता, उसके माता-पिता, स्वजन या अभिभावक द्वारा की जा सकती है।
– इस मामले में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपित बनाया जाएगा और उसी तरह सजा होगी।
– जबरन मतांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद किया जाएगा।
– अपने धर्म में वापसी करने पर इसे मतांतरण नहीं माना जाएगा।
– पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण पाने का अधिकार होगा।
– निर्दोष होने के साक्ष्य आरोपित को ही देने होंगे।

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