डिप्टी रेंजर मर्डर केस: अवैध संबंध,पैसा और जमीन बना हत्या का कारण…

कोरबा।। डिप्टी रेंजर मर्डर केस को पुलिस ने सुलझा लिया है. अवैध संबंध,पैसा और जमीन की वजह से डिप्टी रेंजर कंचराम पाटले की हत्या हुई. आरोपियों ने पूरे वारदात की योजना महीने भर पहले ही तैयार कर ली थी. जिसे 13 मार्च की रात को अंजाम दिया गया। जबकि दूसरे दिन 11 बजे लाश बरामद की गई।

अंधे कत्ल की इस गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी. इसके लिए करीब 6 स्पेशल टीम आरोपियों की धरपकड़ में जुटी हुई थी. वारदात में शामिल दो आरोपियों को जांजगीर-चांपा से जबकि अन्य को बिलासपुर से हिरासत में लिया गया है. पूरी साजिश में दो महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने जब्त किया सामान

पुलिस के मुताबिक डिप्टी रेंजर कंचराम पाटले की मौत स्वाभाविक नहीं थी. बल्कि उसके सम्बन्धियों ने ही कंचराम के कत्ल की खूनी साजिश रची. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई कार, हथियार, मोबाइल और दूसरे सभी सामानों को भी बरामद कर लिया है. हत्या के पीछे की वजहों का खुलासा प्रभारी एसडीओपी रामगोपाल करियारे और प्रभारी थाना इंचार्ज अशोक शर्मा ने किया. हालांकि पुलिस ने लाश मिलने के 24 घंटे के भीतर ही ज्यादातर संदेहियों को हिरासत में ले लिया था. लेकिन पूछताछ, दस्तावेजी कार्य और अन्य साक्ष्य जुटाने में हुई देरी की वजह से तीसरे दिन इस मामले का खुलासा किया गया।

अवैध संबंध बना हत्या की वजह

SDOP ने बताया कि हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता मृतक कंचराम की दूसरी पत्नी संतोषी पाटले और उसका प्रेमी जीजा नरेंद्र कुमार टंडन है. संतोषी पहले अपने जीजा नरेंद्र के घर बलौदाबाजार में ही रहती थी. इस दौरान दोनों के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गया था. जिसके बाद संतोषी की शादी कंचराम पाटले से हो गई. कंचराम की पहली पत्नी लक्ष्मीन की मौत 8-10 साल पहले हो गई थी. जिसके बाद कंचराम ने संतोषी से शादी की थी. शादी से असंतुष्ट संतोषी का संबंध अपने प्रेमी जीजा नरेंद्र से जारी रहा. वह अपने पति को छोड़कर आए दिन नरेंद्र कुमार के घर पर ही रहती थी. हालांकि पैसे, जायदाद और नौकरी की वजह से वह कंचराम से अलग नहीं हो पा रही थी. संतोषी हर महीने मृतक कंचराम से पैसे लेने कटघोरा आती थी और फिर अपने प्रेमी के पास लौट जाती थी।

बढ़ने लगी प्रेमी जोड़े की लालच

कंचराम ने संतोषी को अपनी पहली पत्नी के जेवर और साढ़ू यानी संतोषी के प्रेमी को ट्रैक्टर भी दिलाया था. इस तरह दोनों प्रेमी जोड़ों में पैसे की लालच बढ़ती जा रही थी. लेकिन वे अलग भी नहीं हो पा रहे थे. लिहाजा दोनों ने मिलकर कंचराम पाटले को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की खूनी साजिश रची. यह पूरी साजिश को वे बीते एक महीने से अंजाम देने में जुटे थे।

देहव्यापार में शामिल महिला ने ली सुपारी

मुख्य आरोपी नरेंद्र टंडन ने अपने इस योजना को अपने साथी कमल कुमार धुरी जो कि बिलासपुर के सरकंडा में रहता था, उससे साझा किया. कमल ने नरेंद्र को आश्वासन दिया कि वह एक ऐसी महिला को जनता है जो कंचराम को रास्ते से हटा सकती है. आरोपी नरेंद्र ने कमल पर विश्वास करते हुए सुपारी किलर महिला से उसकी भेंट कराने को कहा. जिसके बाद उनकी आपस में मुलाकात हुई. यह सुपारी लेने वाली महिला कमल कुमार की प्रेमिका पूर्णिमा साहू थी. पूर्णिमा भी बिलासपुर राजकिशोर नगर की रहने वाली थी. कमल ने पूर्णिमा के अलावा अपने एक अन्य साथी ऋषि कुमार को भी साजिश का हिस्सा बनाया. महिला ने नरेंद्र से हत्या के एवज में ढाई लाख रुपये मांगे. नरेंद्र इस पर तैयार हो गया. महिला ने नरेंद्र को बताया था कि वह बिना खून-खराबा सिर्फ तंत्र-मंत्र से ही कंचराम को खत्म कर देगी. जिससे नरेंद्र का विश्वास और बढ़ गया।

दवा देने के बहाने बुलाया घर से बाहर

सुपारी किलर पूर्णिमा पेशे से देहव्यापार करती है. उसका दावा है कि उसने पहले भी दूसरे राज्यो में इस तरह की सुपारी ली है. जो कि पुलिस के लिए विवेचना का विषय है. उसने कार के चालक और मालिक रामकुमार श्रीवास को भी अपने साथ शामिल कर लिया. वाहन चालक रामकुमार को भी उन्होंने मोटी रकम देने की बात कही थी. इसके बाद पूर्णिमा, कमल कुमार, ऋषि कुमार और चालक रामकुमार 13 मार्च की रात बिलासपुर से कसनिया पहुंचे. यहां पहुंचते ही पूर्णिमा ने कंचराम को फोन लगाया और घर के बाहर बुलाया. दरअसल मृतक की एक भतीजी भी है जो कि मिर्गी की बीमारी से ग्रस्त है. कंचराम अक्सर अपनी भतीजी के लिए दवा के प्रबंध में जुटा रहता था. कुछ वक्त पहले पूर्णिमा ने कंचराम को दवा उपलब्ध कराने की बात कही थी. 13 मार्च की रात को जैसे ही कंचराम पूर्णिमा के कार के पास पहुंचा उन्होंने उसे अपने साथ भीतर बैठा लिया।

पहले पिलाया सुहागा फिर टंगिये के पाशे से किया वार

योजना के मुताबिक कंचराम जैसे ही कार में बैठा पूर्णिमा ने अन्य सहयोगियों की मदद से उसे सुहागा घोलकर पिला दिया. कंचराम के बेहोश होते ही पूर्णिमा ने नरेंद्र को फोन कर काम हो जाने की बात कही. दूसरी तरफ मास्टरमाइंड नरेंद्र कुमार भी राजेश जांगड़े के साथ बाइक से कार के पीछे-पीछे कटघोरा आया हुआ था. उन्हें जब मालूम हुआ कि कंचराम का काम तमाम कर दिया गया है तो वे दोनों भी घटनास्थल पर पहुंचे. वे अपने साथ एक टंगिया लेकर आए थे. नरेंद्र ने लाश पर नजर दौड़ाई. जिसके बाद उसने भी टंगिये के पिछले हिस्से से कंचराम के जबड़े में जोरदार वार किया. जिससे उसकी मौत हो गई. मौत की पुष्टि होते ही सभी ने कंचराम के शव को सुतर्रा बांसटाल के पास मौजूद पुराने बैरियर के किनारे फेंक दिया और वापस लौट गए।

नरेंद्र को जायदाद और संतोषी को नौकरी का लालच

हत्या के पीछे जमीन-जायदाद, पैसा और नौकरी का त्रिकोण सामने आया है. नरेंद्र कुमार की नजर कंचराम की जमीन जायदाद और पैसे पर थी. जबकि उसकी पत्नी संतोषी की नजर उसकी नौकरी पर थी. इसी तरह मृतक के पास काफी खेत भी था. जिनपर बम्पर धान की खेती होती थी. आरोपी उसे भी बेचकर पैसा कमाना चाहते थे।

मामले में शामिल आरोपी

  • नरेंद्र कुमार टंडन, बलौदाबाजार
  • संतोषी पाटले, बलौदाबाजार
  • राजेश जांगड़े, जांजगीर-चांपा
  • कमल कुमार धुरी, बिलासपुर
  • पूर्णिमा साहू, बिलासपुर
  • ऋषि कुमार, बिलासपुर
  • रामकुमार श्रीवास, बिलासपुर

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