अंबिकापुर, रायगढ़ व महासमुंद के लिए ट्रेन चलाने रेलवे के पास अभी कोई प्लानिंग नहीं

बिलासपुर।।प्रदेश में लोकल ट्रेनें चलाने की मांग व कोरोना काल में स्पेशल ट्रेन बताकर दोगुना किराया वसूली को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। रेलवे बोर्ड ने अपने जवाब में बताया है कि लोकल व स्थानीय ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा रहा है। फिर भी अभी अंबिकापुर, रायगढ़ व महासमुंद क्षेत्र में ट्रेनें संचालित करने का कोई शेडूल्य नहीं दिया गया है।

इस जनहित याचिका पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान रेलवे बोर्ड ने अपने जवाब में बताया गया है कि कोरोना के कारण ट्रेनें बंद थीं, जिसका परिचालन धीरे-धीरे शुरू हो रही है और स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही है। प्रदेश में लोकल व स्थानीय ट्रेनें शुरू की गई है।

सुनवाई के दौरान रेलवे ने प्रदेश में चलने वाले ट्रेनों का शेडूल्य भी प्रस्तुत किया है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्र अंबिकापुर, रायगढ़ व महासमुंद क्षेत्र के लिए अभी भी ट्रेन चलाने का कोई शेडूल्य नहीं दिया गया है। दोनों पक्षों को सुनने बाद कोर्ट ने सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है। इस मामले में अगली सुनवाई में बहस होगी।

जिसमें स्पेशल ट्रेनों में सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक किराया लेने, यात्रियों से कम से कम पांच सौ किलोमीटर का किराया वसूली करने सहित किराए में छूट नहीं दिए जाने को लेकर बहस की जाएगी। मालूम हो कि अधिकतर स्पेशल ट्रेनों में उनके पुराने रैक ( डिब्बे ) के साथ पुरानी ही टाइमिंग और स्टापेज पर चल रही है। लेकिन उन्हें स्पेशल ट्रेन का नाम दे दिया गया है और स्पेशल ट्रेन के नाम पर डेढ़ से दो गुना किराया बढ़ा दिया है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में पैसेंजर और लोकल ट्रेन दिसंबर से ही प्रारंभ कर दिया गया है।