अभियान:सरगुजा को स्वास्थ्य विभाग करेगा तंबाकू मुक्त

छत्तीसगढ़।। सरगुजा जिले को तंबाकू मुक्त करने स्वास्थ्य विभाग ने अब अभियान तेज कर दिया है। एक अप्रैल से जिले को तंबाकू मुक्त बनाने अब विभाग प्रशासन व पुलिस के सहयोग से कोटपा एक्ट का उल्लंघन करने वाले पर सख्त कार्रवाई करेगा और उन पर एक हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। जुर्माना की राशि में से दो सौ रुपए एक्ट के तहत जमा होगी। शेष 800 रुपए रेडक्रास सोसाइटी के खाते में जमा होगी। इसको लेकर प्रशासन ने भी अनुमति दे दी है। सरगुजा को तंबाकू मुक्त करने स्वास्थ्य विभाग ने माता राजमोहिनी देवी द्वारा वर्षों पहले चलाए गए नशामुक्त अभियान से जोड़ा गया है। सोमवार को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में नोडल अधिकारी डाॅ. शैलेंद्र गुप्ता, डाॅ. अमीन फिरदौसी ने तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम बताए।

राजमोहिनी देवी को याद कर उनसे अभियान जोड़ा
माता राजमोहिनी देवी सरगुजा संभाग को शराब के नशे से मुक्त करने वर्षों पहले अभियान चलाया था। सरगुजा में उन्हें शक्ति की देवी के रूप में जाना जाता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू के नशे से सरगुजा को मुक्त करने राजमोहिनी देवी के सिद्धांतों को याद करते हुए इससे जोड़ा गया।

खुले में तंबाकू बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध
बाजार व ठेलों में खुले में तंबाकू(खैनी)की बिक्री अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरगुजा के ग्रामीण इलाके में ज्यादातर जगह खुले में खैनी की बिक्री होती है। इसकी खपत भी ज्यादा है। कुल आबादी के करीब 36 प्रतिशत लोग खैनी का उपयोग करते हैं।

एक लाख जुर्माना व 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान
कोटपा एक्ट में अलग-अलग धाराओं में कार्रवाई का प्रावधान बनाया गया है। नोडल अधिकारी डाॅ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि जुर्माने की कार्रवाई के अलावा कानूनी रूप से कोर्ट में भी प्रकरण पेश करने का इस एक्ट के तहत प्रावधान है। इसकी कुछ धाराओं में एक लाख रुपए जुर्माना व सात वर्ष की सजा तक का प्रावधान है। ऐसे में यदि लोग तंबाकू के सेवन व विक्री में कोटपा एक्ट का पालन नहीं किए तो उन पर इन्हीं धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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