आइजी ने थाना प्रभारी को किया निलंबित: रिश्वत मांगने का आरोप…
जशपुर।।सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आरपी साय ने जशपुर जिले के सन्ना थाना प्रभारी जीवन जांगड़े को निलंबित कर दिया है। थाना प्रभारी पर आरोप है कि उन्होंने लापता कोरवा जनजाति की किशोरी की बरामदगी के लिए उसके पिता से दस हजार की मांग की थी। इस पर निरीक्षण को निलंबित कर रक्षित केंद्र जशपुर में संबद्ध कर दिया है।
जशपुर जिले के सन्ना थाना क्षेत्र के गांव की किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की सूचना बीते 26 अक्टूबर 2020 को पिता ने थाने में दी थी। आरोप है कि थाना प्रभारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। किशोरी के पिता को गुमराह किया जाता रहा। बाद में किशोरी की बरामदगी के लिए दस हजार की भी मांग की गई। सन्ना पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से व्यथित पिता ने पुलिस महानिरीक्षक आरपी साय से मुलाकात कर तमाम तथ्यों से अवगत कराया। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आइजी ने सन्ना थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया।
उन्होंने पुलिस अधीक्षक जशपुर को निर्देशित किया है कि बालक बालिकाओं की गुमशुदगी के मामलों में पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने का आदेश सभी थाना प्रभारियों को दिया जाए। ऐसे मामलों में यदि पुलिस लापरवाही करती है तो संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। पुलिस महानिरीक्षक का पदभार संभालने के बाद आरपी साय द्वारा किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का यह पहला मामला है।
जशपुर जिला मानव तस्करी के लिए सुर्खियों में रहता है। बेहतर काम और ऊंची पगार का लालच देकर क्षेत्र से आदिवासी युवतियों को महानगरों में ले जाने की शिकायत पुरानी है। मानव तस्करी के लिए चर्चित जिले से कोरवा जनजाति की किशोरी के गायब होने के बावजूद पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज होकर ही आईजी ने थाना प्रभारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है।