आदिवासी परिवार के तीन लोगों की हत्या

कोरबा।। मवेशी चराने वाले एक कोरवा आदिवासी, उसकी 16 साल की पुत्री व पांच साल की नातीन की हत्या कर दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना तीन दिन पहले की बताई जा रही। मृतक जिस परिवार के घर का मवेशी चराया करता था, उस परिवार के मुखिया ने पैसे के लेन-देन को लेकर अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। तीनों का पत्थर से सिर कुचल कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने चार आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर लेमरू थाना के अंतर्गत आने वाले देवपहरी पर्यटन स्थल से लगे बरपानी गांव में रहने वाला पहाडी कोरवा झकरी राम पिता धरमू 55 साल ग्राम सतरेंगा में रहने वाले संतराम यादव के घर के मवेशी चराया करता था। 30 जनवरी को वह पहाड़ से मवेशी चरा कर नीचे उतरा और संतराम के घर उसके मवेशी सुपुर्द कर दिया। छेरछेरा त्यौहार के अवसर पर चरवाहों को पूरे साल का पैसा व उपयोग की सामाग्री देने की परंपरा है। बताया जा रहा है कि झकरी राम ने इस परंपरा का हवाला देते हुए संतराम से रूपये मांगा। हिसाब को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि संतराम व उसके बीच हाथापाई की नौबत आ गई। वह अपने परिवार को लेकर पैदल ही घर जाने निकल गया। संतराम को चरवाहे का व्यवहार नागवार गुजरा और वह उसे सबक सिखाने की ठान कर अपने साथी रामा के साथ निकला। दोनों अलग- अलग बाइक में थे। पीछा करते हुए कोराई के पास झकरीराम व उसके परिजनों को रोक लिए। घर छोड़ देने की बात कह जबरदस्ती संतराम ने झकरी, उसकी पुत्री ननकीबाई 16 वर्ष व नातीन सत्यवती बाई चार वर्ष को बाइक में बैठा लिया। रामा ने उसकी पत्नीे जेसीबाई व डेढ़ साल की बच्ची को बाइक में बैठा कर गढ़ उपरोड़ा बस स्टैंड में छोड़ कर वापस संतराम के पास आ गया। यहां पुनः झकरीराम से विवाद करते हुए उसके साथ मारपीट की। बीच बचाव करने पुत्री पहुंची तो उस पर हमला कर दिया। पत्थर से तीनों के सिर पर वार कर हत्या कर फरार हो गए।

पत्नी थाना पहुंची तो खुला मामला

मृतका की पत्नी जेसीबाई का कहना है कि बस स्टैंड में वह काफी देर तक पति व बच्चों के आने का इंतजार करती रही। नहीं आने पर वह बस में बैठ कर बरपानी चली गई। पहले तो उसे लग रहा था कि उसका पति वापस संतराम के घर चला गया होगा। दो दिन तक वापस नहीं लौटने पर उसे चिंता हुई। एक फरवरी को वह लेमरू थाना पहुंच कर संतराम से हुए विवाद के बाद पति व बच्चों के लापता हो जाने के घटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस ने जंगल में खोजबीन की, तो कोसगाई के पास तीनों की रक्त रंजित अवस्था में शव मिला।

किशोरी के शव को पत्थर से दबाया

किशोरी ननकी बाई के शव के उपर आरोपितों ने भारी भरकम दो पत्थर रख दिए थे, ताकि शव दिखाई न दे। झकरीराम व मासूम बच्ची का शव जंगल में ही फेंक दिए थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर संतराम व रामा को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो पहले आरोपित पुलिस को गुमराह करते रहे, पर बाद में अपना गुनाह कबूल कर लिए। बताया जा रहा है कि संतराम ने हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए अपने मित्र अब्दुल जब्बार, अनिल सारथी, परदेशी राम, अनंतदास व उमा शंकर यादव को भी बुला लिया था। पुलिस ने चार को हिरासत में लिया है, वहीं परदेशी व अनंतदास की तलाश की जा रही है।

कमजोर सूचना तंत्र की खुली पोल

यह घटना 30 जनवरी की है, लेकिन एक फरवरी को पुलिस को सूचना मिली। वह भी तब जब मृतक की पत्नी ने थाना पहुंच कर पति व बच्चों के लापता होने की जानकारी दी। आसपास के क्षेत्र में पिछले दो दिन से इस जघन्य हत्याकांड की चर्चा रही, पर पुलिस तक बात नहीं पहुंच सकी। पुलिस की कमजोर सूचना तंत्र की भी पोल खुल गई है। पुलिस भले ही इस मामले में लेन-देन के विवाद को ही हत्या की प्रमुख वजह बता रही। वहीं गांव में अन्य आशंकाएं व्यक्त की जा रही।

प्राथमिक तौर पर पैसों के लेन देन को लेकर विवाद की बात सामने आई है। अभी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही। कुछ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही।

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