किल्लत ने बारदाना को बनाया मूल्यवान, सरगुजा में पहली बार 30 रुपये के पार

बिलासपुर।।समर्थन मूल्य पर धान खटीदी के लिए बारदाने की कमी से दिक्कत बढ़ गई है। यह पहला अवसर है जब बाटदाना न सिर्फ मूल्यवान हो गया है बल्कि इसके दाम ने नया रिकर्ड बना दिया है।

धान खरीदी से पहले तक 12 से 13 रूपए प्रति नग की दर से बारदाना की बिक्री की जाती थी। आज की स्थिति में कटे फटे, पुटाने औट सिले हुए बारदाना 31 से 32 रुपए प्रति नग की दर से बिक रहा है। किसानों को छूट दी ग के बारदाना से धान बेच सकते है। खुद के खुद ना से धान बिक्री पर तत्काल 7.32 रुपए का भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है।

बारदाना वापस नहीं होने की स्थिति में शेष 7.68 रूपए का भुगतान किया जाएगा। किसानों के अलावा पीडीएस दुकान संचालक बारदाना की मांग कर रहे है। पीडीएस दुकान संचालकों पर पुराने बारदाना जमा करने के दबाब की वजह से बारदानों की मांग अचानक बढ़ गई है।

पुराने बारदाने पड़ोसी प्रान्तों से व्यवसायी मंगा कर बिक्री कर रहे है। सरगुजा जिले में धान खटीदी आरंभ होने से पहले तक बारदाना की पूछ परख नहीं होती थी लेकिन अब इसकी मांग बढ़ गई है। अंबिकापुर शहर में बारदाना के तीन-चार व्यवसायी ही है इनके पास बारदाना खरीदने गिनती के लोग पहुंचते थे लेकिन आज वरदाना उपलब्ध कराने का आर्डर मिल रहा है।

ये व्यवसायी भी पड़ोसी प्रांत झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के व्यापारियों से बारदाना खरीद कर ला यहां आपूर्ति कर रहे हैं। बारदाना की कीमत लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है। मांग के अनुरूप अभी भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। नए बारदाने तो देखने को नहीं मिल रहे हैं। पुराने और कटे-फटे बारदानों से ही काम चल रहा है। इन्हीं बारदानों की कीमत आसमान छूने लगी है।

यह है जिले में बारदाना की स्थिति

सरगुजा जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए सात हजार आठ सौ पचास गठान बारदाने की आवश्यकता है। शुरू में 1560 गठान बारदाना ही उपलब्ध था। कुछ दिन पहले महासमुंद जिले से 320 गठान बादाना पाया गया है। बारदाना की कमी के कारण किसानों के स्वयं बारदाने में धान लेकर आने की समझाइस दी जा रही है ।

राशन दुकान संचालकों पर भी दबाव है कि वे पुराने बारदाने जमा करें। राइस मिलों से भी बारदाना जमा कराया जा रहा है। पूटी ताकत झोंक देने के बावजूद किल्लत बनी हुई है अधिकाटी भी मान रहे हैं कि जो बाटदाना उपलब्ध है उससे ज्यादा दिनों तक धान की खरीदी नहीं की जा सकती। बारदाना की कमी से पड़ोसी जिले बलरामपुट, सूरजपुर के कई केंद्रों में धान खटीदी बन्द हो चुकी है।

किसानों को आर्थिक नुकसान

32 रुपये प्रति बारदाना खटीद कर धान बिक्री करने वाले किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। उन्हें बारदाने का पूटा दाम वापस नहीं मिल पाता। स्वयं के बारदाने में धान भरकर ले जाने की स्थिति में धान की कीमत अदायगी के साथ प्रति बारदाना 7.32 रुपए का भुगतान कर दिया जाता है और उन्हें आश्वस्त कि कि उनका बारदाना वापस कर दिया जाए संभव ही नहीं है।

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शेष 7.68 रुपए भुगतान का प्रावधान है यदि यह राशि भी दे दी जाती है तो प्रति बारदाना उन्हें 35 मिलता है जबकि वे उससे दोगुने दाम पर बारदाना खटीद रहे हैं। समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए बारदाना की कमी से किसानों को चौतरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

किसान स्वयं के बारदाना में धान बिक्री व कोई नई व्यवस्था नहीं है। शुरू ही यह नियम लागू है। इस बार बारदाना को लेकर बातें सामने आ रही है इसलिए यह व्यवस्था ज्यादा प्रचारित हो रही है।

रविन्द्र सोनी, जिला खाद्य अधिकारी सरगुजा

सरगुजा जिले में बारदाना की फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है। नए बारदाना की उपलब्धता मांग के अनुरूप नहीं हो सकी है लेकिन पीडीएस, राइस मिलर और किसानों के बारदाने से इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।

आरपी पांडेय, डीएमओ मार्कफेड, सरगुजा

By पंचायत समीक्षा

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