किसानों और सरकार के बीच आज हुई 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा, 15 को फिर बैठक, किसान नेता ने कहा – मरेंगे या जीतेंगे

नई दिल्ली।। पंचायत समीक्षा।। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच आज हुई आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा खत्म हो गई। बैठक में सरकार के रवैये से नाराज एक किसान नेता ने नोट में लिखा- या मरेंगे या जीतेंगे। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी।

बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि कानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला। श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने बार-बार कहा है कि किसान यूनियन अगर कानून वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगी तो हम बात करने को तैयार हैं।

आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि इन कानूनों को वापिस लिया जाए। परन्तु देश में बहुत से लोग इन कानूनों के पक्ष में हैं। किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा। कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे किसान संगठनों को बैठक में शामिल करने पर केन्द्रीस कृषि मंत्री ने कहा कि अभी इस प्रकार का कोई विचार नहीं है, अभी हम आंदोलन कर रहे पक्ष से बात कर रहे हैं, परन्तु अगर आवश्यकता पड़ी तो आने वाले समय में सरकार इसपर विचार कर सकती है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश्स टिकैत ने कहा कि तारीख पर तारीख चल रही है। बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक आवाज में बिल रद्द करने की मांग की। हम चाहते हैं बिल वापस हो, सरकार चाहती है संशोधन हो। सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव ने कहा कि सरकार ने हमें कहा कि कोर्ट में चलो। हम ये नहीं कह रहे कि ये नए कृषि कानून गैर-कानूनी है। हम इसके खिलाफ हैं। इन्हें सरकार वापिस ले। हम कोर्ट में नहीं जाएंगे। हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

By पंचायत समीक्षा

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