किसान आंदोलन पर टी एस सिंहदेव का बयान:देंखे क्या कहा

रायपुर।।प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने मैराथन बैठक ली. पुनिया ने पहले जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारियों की बैठक ली. इसके बाद उन्होंने मंत्रियों के दो साल के कार्यों की भी समीक्षा की. इस दौरान मंत्रियों ने अपने विभाग से संबंधित कार्यों का लेखा-जोखा पुनिया के सामने प्रस्तुत किया.

बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा की है

मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बैठक में घोषणा पत्र के संदर्भ में चर्चा हुई कि. घोषणा पत्र में कितने बिंदु थे और इनमें से कौन-कौन से काम पूरे कर लिए गए है. साथ ही सभी को लिखित में किए गए कार्य की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया है. संगठन की अपेक्षाओं को लेकर मंत्री ने कहा कि अपेक्षाएं तो हैं, विकास से जुड़ी हुई विभागों की गतिविधियां रहती है. कुछ भागीदारी संगठन की भी रहे।

किसान आंदोलन पर सिंहदेव का बयान

किसान आंदोलन को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा कि आप सोचिए कि ऐसी परिस्थिति कब बनी होगी…? राजधानी की सड़कों को सुरक्षा के घेरे में बांधा जा रहा है. देश की राजधानी में किसान पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. इससे दुर्भाग्यजनक स्थिति और क्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार बात करने मे क्यों कतरा रही है? जायज मांगों को मानने में क्यों कतरा रही है? ये समझ से परे है. सरकार की कमिटमेंट किन लोगों को है..? सिंहदेव ने कहा कि देशभर में यदि आज आंदोलन हो रहे हैं. केंद्र सरकार कहती है कि ये आंदोलन सिर्फ पंजाब वालों का है. कोई और साथ नहीं दे रहा है. मुझे लगता है कि ये बात देश के अन्य किसानों तक भी पहुंच रही है और वे इससे जुड़ रहे हैं।

तीन दिनों तक बैठकों का दौर रहेगा जारी

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया तीन दिनों के प्रदेश दौरे पर रायपुर पहुंचे हैं. प्रदेश सरकार के मंत्रियों, प्रदेश और जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों-प्रभारियों के साथ बैठक हो रही हैं. बैठक में एक एक कर सभी मंत्री अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करे रहे है. पीएल पुनिया सभी मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे है. इससे पहले उन्होंने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और वन मंत्री मोहम्मद अकबर, जयसिंह अग्रवाल समेत दूसरे मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यों की रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी को दी. साथ ही किस योजना में किस तरह के संशोधन की जरूरत है, ये भी बात रखी गई।

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