कोरोना का कहर : एक लैब टेक्नीशियन ने तोड़ दम ..3 महीने से बिना सैलरी कोरोना टेस्ट कर रहे थे…

रायपुर।।प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से बेड की कमी भी सामने आ रही है. अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को भी बिस्तर नहीं मिल पा रहा है।

राजधानी के मेडिकल कॉलेज में पिछले एक साल से कोरोना की जांच कर रहे लैब टेक्नीशियन की शनिवार को कोरोना से मौत हो गई. लैब टेक्नीशियन के परिजन घंटों तक अस्पताल के बाहर वेंटिलेटर की मांग करते रहे, इस दौरान लैब टेक्नीशियन ने दम तोड़ दिया।

लैब टेक्नीशियन ओमप्रकाश का बैकुंठपुर का रहने वाला था. पिछले एक साल से मेडिकल कॉलेजम में कोरोना संक्रमण की जांच कर रहा था. कोरोना की चपेट में आने के बाद ओमप्रकाश के परिजन 6 घंटे तक अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर से वेंटिलेटर की मांग करते रहे. टेक्नीशियन को लेकर 1 घंटे तक अस्पताल में खड़े हुए थे, लेकिन वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से ओमप्रकाश ने वहीं दम तोड़ दिया।

3 माह से नहीं मिला था वेतन

ओमप्रकाश चौहान के परिजन ने बताया कि पिछले 3 माह से ओम प्रकाश को वेतन नहीं मिल रहा था. मौत के बाद भी अभी तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है. ओम प्रकाश स्वास्थ्य विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रुप में 1 साल से कोविड ड्यूटी कर रहा था. मेडिकल कॉलेज में कोरोना सेम्पल की जांच करता था, पिछले 1 साल से लगातार कोविड ड्यूटी कर रहा था. 6 दिन पहले उसे बुखार आया तो कोरोना टेस्ट कराया गया. दूसरे दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो घर पर ही होम आइसोलेशन पर रह रहे थे।

वेंटिलेटर नहीं मिलने पर तोड़ा दम

15 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ आई जिसके बाद अंबेडकर अस्पताल में बेड पता किया गया. सभी बेड फुल थे तो उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज चल रहा था, जिसके बाद संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा था. हालत बिगड़ने पर परिजनों ने अंबेडकर अस्पताल में वेंटिलेटर की कोशिश की. 6 घंटे तक वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से ओमप्रकाश ने दम तोड़ दिया।

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