खुलासा:अम्बिकापुर रिंग रोड निर्माण में हुआ 94 करोड़ का घोटाला

अम्बिकापुर।।डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा अंबिकापुर में बने रिंग रोड में घोटाला, गड़बड़ी, फर्जीवाड़ा करने काफी घटिया एवं गुणवत्ता विहीन स्टीमेट एवं ड्राइंग डिजाइन के विपरीत तथा वर्क आर्डर आदेश से ज्यादा राशि का भुगतान करने तथा शासकीय राशि का गबन करने का अपराध करने के संबंध में संलग्न ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र करने हेतु आवेदन दिनांक 29/ 01/2021 को प्रथम सूचना पत्र दर्ज किए जाने हेतु थाना अंबिकापुर में 4000 भेजो के दस्तावेज के साथ प्रस्तुत किया गया था जिसमें निम्नलिखित तथ्यों को उठाया गया है।


छ०ग०शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा आदेश क्रमांक 1703/689/2017/19/तक-3 रायपुर दिनांक 27/4/2017 के माध्यम से प्रबंधक संचालक छ०ग० सड़क विकास निगम लिमिटेड रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन कार्य के लिए 9757.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके उपरांत छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा आदेश क्रमांक 1864/सीजीआरडीसी/2017 रायपुर दिनांक 21/7/2017 के माध्यम से श्री किशन एवं कंपनी 4/12 श्री टावर, फर्स्ट फ्लोर शांति नगर रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के निर्माण हेतु वर्क आर्डर जारी किया गया था उक्त है रिंग रोड को 0 किलोमीटर से 10.808 किलोमीटर तक का रोड निर्माण करना था, जिसके लिए श्री किशन एंड कंपनी को 1 वर्ष की समय अवधि प्रधान की गई थी। तथा वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए स्वीकृत की गई थी।

अंबिकापुर के रिंग रोड निर्माण प्रारंभ हुए लगभग 3 वर्ष से काफी समय हो गया और ठेकेदार की समयावधि समाप्त हो गई लेकिन आज दिनांक तक रिंग रोड कम्पलीट नहीं हो पाया है जो कि दिनांक 13/5/2020 को दी गई जानकारी से स्पष्ट है रोड में आधे अधूरे कार्य किया गया है जिसके कारण आज दिनांक तक उक्त 11 किलोमीटर के रिंग रोड का पूरा नहीं किया जा सकता है,उक्त रिंग रोड को पूरा नहीं करने के कारण ठेकेदार द्वारा गारंटी अवधि को समाप्त करने का भी खेल खेला जा रहा है कि जितनी गारंटी अवधि है उतने समय निर्माण कार्य में लगा दिया जाए कि जितनी गारंटी अवधि है उतने समय निर्माण कार्य में लगा दिया जाए जिससे कि गारंटी अवधि समाप्त हो जाए और जमा सिक्योरिटी राशि लेकर मामला रफा-दफा कर दिया जाए।

उक्त कार्य श्री किशन एंड कंपनी को दिया गया है लेकिन श्री किशन एंड कंपनी के द्वारा स्वयं कार्य न करके उक्त रिंग रोड को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर सूरजपुर के ठेकेदार शंकर अग्रवाल प्रो० जगदंबा कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया है जिसके कारण भी उक्त कार्य काफी घटिया स्तर का कराया गया है एवं जो ड्राइंग्स डिजाइन स्वीकृत हुई थी उसके अनुसार कार्य नहीं किया गया है।

रिंग रोड अंबिकापुर के लिए जो स्टीमेट शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था जिसके तहत रिंग रोड का निर्माण करना था जिसका आदेश दिनांक 29/4/2017 को छ.ग.सड़क विकास निगम लिमिटेड रायपुर के महाप्रबंधक ने जारी किया था उसके अनुसार कार्य नहीं हुआ है।

अंबिकापुर रिंग रोड के लिए जो प्रशासकीय स्वीकृति की गई है तथा किस-किस कार्य को करना है उसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत आवेदक को दिनांक 3/10/2019 को प्राप्त हुई है जिसमें सभी कार्यों का उल्लेख तथा उक्त कार्य के लिए कितनी राशि लगाना है का भी उल्लेख किया गया है उक्त कार्य जो स्वीकृत हुए हैं उनमें से बहुत से कार्य ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलकर रिंग रोड में नहीं कराया जिसका मौके पर भौतिक सत्यापन करने से स्पष्ट हो जाएगा इसमें भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होने का लेख किया गया है। उक्त रिंग रोड बनने से दुर्घटना की कमी होगी का भी उल्लेख किया गया है इसके अलावा रोड को 4 वर्ष तक देख-रेख करना है पूर्ण होने के बाद से लेकिन अभी कार्य पूरा हुआ नहीं है और रिंग रोड की हालत खराब हो गई है। उसके संबंध में जांच कर दोषी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाना आवश्यक है। क्योंकि शासकीय राशि का गबन करना अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।

अंबिकापुर के रिंग रोड में आज दिनांक तक विभाग द्वारा ठेकेदारों को दिनांक 4/10/2019 तक कुल 94,08,56,752/- करोड रुपए का भुगतान किया जा चुका है जबकि वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए स्वीकृत किया गया था और भुगतान 94,08,56,752/- करोड़ रुपए का कर दिया गया जोकि 23,48,50,502/-रुपए का अधिक भुगतान अधिकारियों से मिलीभगत कर किया गया है तथा शासकीय राशि का खुले रूप से गबन है जो कि एक अपराधिक कृत्य है इसलिए संबंधित के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज किए जाने का आवेदन दिया गया है।

ठेकेदार द्वारा रिंग रोड में जो कार्य नहीं कराया गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है जैसे रिंग रोड के दोनों तरफ 3.5-3.5 फीट का फुटपाथ बनाना था मौके पर नहीं बनाया गया है उसके लिए 5 करोड़ 27 लाख का प्रावधान था उसे भी ठेकेदार निकाल लिया है तथा नाली के ऊपर फुटपाथ दिखाया गया है जबकि ड्राइंग डिजाइन में नाली अलग है, फुटपाथ अलग है उसकी राशि निकाल ली गई है। स्टीमेट के अनुसार सड़क नहीं बनाया गया है जिसके कारण गाड़ी चलने पर लहरा रही है तथा बराबर लेबल नहीं किया गया है। और घटिया काम करा कर पूरा पैसा निकाल लिया गया है। जितनी मोटाई की ढलाई सड़क की करनी थी वह नहीं किया गया है स्टीमेट के अनुसार जितनी ढलाई करनी थी वह नहीं किया गया है।

स्टीमेट के अनुसार 8 कलवर्ट बॉक्स का निर्माण होना था, 9 बड़े जंक्शन का प्रावधान था, 20 छोटे जंक्शन भी बनने का प्रावधान था जो कि मौके पर नहीं बनाया गया है उसकी राशि भी निकाल ली गई है। जो नाली बनाया गया है वह काफी घटिया बनाया गया है क्योंकि बहुत जगह नाली की जो ढलाई की गई है वह दब गया है तथा कभी भी दुर्घटना हो सकता है। रिंग रोड से पानी की निकासी की व्यवस्था सही तरीके से प्रावधान के अनुसार नहीं किया गया है जिसके कारण रिंग रोड बरसात में स्विमिंग पूल बन जाता है तथा रिंग रोड के आसपास के घरों में पानी भर जाता है। उक्त कार्य में भी ठेकेदार द्वारा काफी राशि की चोरी की गई है।
जितनी राशि का मेज़रमेंट प्रस्तुत कर राशि निकाली गई है उतने का कार्य नहीं किया गया है फर्जी तरीके से मेजरमेंट बुक भरा गया है उक्त मेजरमेंट में मेजरमेंट दिनांक एवं मेजरमेंट करने वाले अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं है।

ड्राइंग डिजाइन के अनुसार पाइप लाइन बिछाया जाना था जिससे कई तरह के वायर का विस्तार होता है लेकिन रिंग रोड के बीच में जो डिवाइडर बना है उसमें कहीं भी पाइप लाइन नहीं है बिजली के खंभे के तार भी मिट्टी में दबाकर लगाया गया है। उसकी भी राशि ठेकेदार अधिकारियों से मिलीभगत कर निकाल लिया है।

स्टीमेट के अनुसार 94,52,000 का प्रोटेबल बेरीकेट लगाना था जिसे ठेकेदार ने नहीं लगाया है। उसकी राशि भी ठेकेदार प्राप्त कर लिया है। रिंग रोड के दोनों तरफ कर्फ विथ चैनल बनाने का प्रावधान था जो कि मौके पर नहीं बनाया गया है उसकी भी राशि 76,79,150/- रुपए भी निकाल लिया गया है। स्टीमेंट के अनुसार रिंग रोड में 6 बार पेंट करना है तथा एरो का निशान बनाना है जिसकी राशि 5,53,380/- रुपए भी निकाल लिया गया है मौके पर कोई कार्य नहीं कराया गया है। स्टीमेंट की कंडिका 16, 17 एवं 18 के अनुसार 10 बड़े बोर्ड साइन तथा 455 छोटे साइन बोर्ड लगा था जिसकी राशि 703410/- रुपए का प्रावधान था उक्त राशि निकाल ली गई है और मौके पर नहीं लगाया गया है।

स्टीमेट के अनुसार पाइप डक्ट रोड के एक छोर से दूसरे छोर तक बनाना था रिंग रोड में 109 जगह बनाने का प्रावधान था तथा नालियों में यूटिलिटी डालनी थी जिससे वायर डालने में काम आ सके। तथा डिवाइडर के बीचो-बीच पाइप लाइन डालना था। जिससे वायर डालने, पानी पाइप लाइन डालने का काम आता। लेकिन उपरोक्त कार भी ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया है उसकी भी राशि निकाल ली गई। नाली का डेनेज डिजाइन के अनुसार नहीं बनाया गया। तथा रिंग रोड के नाली को क्रॉस बनाना था रिंग रोड को कहीं भी क्रॉस नहीं बनाया गया है जिससे बरसात के दिनों में नाली में पानी भर जाता है। उक्त कार्य की भी पूरी राशि निकाल ली गई है। मिशन चौक के पास नाली गलत तरीके से बनने से नाली को तोड़ना पड़ा।

रिंग रोड में स्टील रेलिंग बनाने का प्रावधान किया गया है जिसके लिए 52,36,000 आवंटित था तथा उक्त राशि भी बिना कार्य कराएं निकाल लिया गया। रिंग रोड के साइड के दीवारों में पेंटिंग करने का भी प्रावधान था जो नहीं कराया गया है। रिंग रोड के डिवाइडर को 80280 रनिंग मीटर बनाना था हर 25 मीटर पर 366 जगह सपोर्ट बिम डालना था जिसका साइज 70 सेंटीमीटर 20*15 देना था उसके लिए 13980191 का प्रावधान था उक्त राशि भी बिना कार्य कराए निकाल लिया गया है।

रिंग रोड डिवाइडर में 65 लाख का पौधारोपण करना था जो नहीं किया गया है। रिंग रोड के पार्थवे के दोनों साइड फुल,झड़ियां, पौधारोपण करना था इसके अलावा 14624 मीटर हेज लगाना था जिसके लिए 24,56,832/-रुपए का प्रावधान था उक्त कार्य भी नहीं किया गया है। पूरे रिंग रोड में नीम, शीशम, बरगद, पाम, हास्टोनिया जैसे पौधे ऑर्गेनिक करके लगाना था इसके अलावा डेकोरेटिव पौधे भी लगाने का प्रावधान था उपरोक्त सभी पौधों के लिए लगभग 3-4 करोड रुपए की राशि ठेकेदार द्वारा निकाली गई लेकिन मौके पर पौधारोपण नहीं किया गया। रिंग रोड में 5 मूर्ति, 5-7 फीट की, तथा 120 मूर्ति 2-5 फीट की लगाने का प्रावधान था लेकिन एक भी मूर्ति कहीं भी ठेकेदार द्वारा नहीं लगाया गया इसके अलावा 1.5 किलोमीटर में सीमेंट आर्ट का भी काम करना था लेकिन मौके पर नहीं कराया गया उपरोक्त कार्य की राशि भी निकाल ली गई। रिंग रोड में लगे लाइट हेतु करोड़ों रुपए का प्रावधान दिया गया है और 2 वर्ष की गारंटी का भी प्रावधान है लेकिन मौके पर घटिया लाइट लगाया गया है जो बहुत से लाइट अभी भी नहीं जलते हैं उपरोक्त लाइट की भी पूरी राशि निकाल ली गई है। रिंग रोड के चौक चौराहे में सात जगह ट्रैफिक सिग्नल लगाना था जिसके लिए 93 लाख 80 हजार रुपए का प्रावधान दिया गया है तथा उसका 10 साल तक उसका मेंटेनेंस भी करने का प्रावधान दिया गया है लेकिन मौके पर सिग्नल लाइट बहुत जगह नहीं लगाया है तथा जहां लगाया गया है वह भी खराब पड़े हैं।

स्टीमेट में 6 करोड़ 69 लाख का प्रावधान रिंग रोड में लगे हुए सीवर, पानी एवं अंडर ग्राउंड टेलीफोन लाइन को अंडर ग्राउंड करना तथा पहले से लगे हुए हैंडपंप, विद्युत ट्रांसफार्मर की सिर्फटिंग का कार्य ठेकेदार को करना था लेकिन बहुत सारे हैंडपंप एवं अन्य विद्युत खंभे मौके से नहीं हटाया गया है और आज भी हैंडपंप रिंग रोड में दबे हुए हैं।
रिंग रोड की चौड़ाई 24 मीटर होनी चाहिए थी जो मौके पर नहीं है रिंग रोड के दोनों साइड खरसिया चौक से बिलासपुर चौक दर 9 मीटर के यानी दोनों साइड 18 मीटर 35 सेंटीमीटर कंक्रीट करना था तथा अन्य जगह 30 सेंटीमीटर कंक्रीट करना था लेकिन ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया।

रिंग रोड की समयावधि 30 वर्ष की है जो की डीपीआर में उल्लेख है लेकिन रिंग रोड अभी पूर्ण हुआ नहीं है और जगह-जगह क्रैक आना चालू हो गया है क्योंकि रिंग रोड में सीवीआर सब ग्रेड घटिया क्वालिटी का डाला गया है उसके लिए 4 करोड़ की राशि अलग से निकाल लिया गया है। रिंग रोड की डीपीआर के अनुसार कार्य नहीं किया गया है।

उपरोक्त तथ्यों के अलावा अन्य तथ्यों का उल्लेख शिकायत आवेदन में करते हुए डी०के० सोनी अधिवक्ता ने ठेकेदार तथा रिंग रोड निर्माण में संलग्न सभी अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय राशि का षडयंत्र पूर्वक योजनाबद्ध तरीके से गबन करने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध किए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है अब देखना है कि उक्त मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध होता है या मामला न्यायालय में जाता है।

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