छत्तीसगढ़ में 26 साल बाद शुरू हुई शिक्षकों की स्थायी भर्ती,CM भूपेश बघेल ने लोकवाणी को किया संबोधित…

रायपुर।।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की आज प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल की मातृ शक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के लिए ठोस काम किए हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से लोकवाणी में चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी योजनाओं, छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा और यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगा। वनांचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं से महिलाएं बड़ी संख्या में स्वावलंबी बन रही हैं।

ग्राम सुराजी योजना, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी और गौठानों में संचालित योजनाओं को माता-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में नारी शक्ति से कोविड-19 टीकाकरण में सहयोग का आव्हान करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी मास्क, सुरक्षित दूरी तथा हाथों को साबुन से बार-बार धोने जैसे उपायों का पालन करते रहना होगा।

श्री बघेल ने कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेज की छान-बीन के लिए जो समिति बनाई जाएगी उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के लिए आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है। 26 वर्षों बाद प्रदेश में शिक्षकों की स्थायी भर्ती इसके साथ ही साथ पुलिस कर्मियों की भर्ती की रूकी हुई प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें भी महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह में एक लाख 85 हजार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ा गया है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है। नये बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में हेल्पडेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
 
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त साथ ही 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही दिन में 3229 बेटियों के विवाह का कीर्तिमान बना।

मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित

मुख्यमंत्री ने मातृ शक्ति का अभिवादन करते हुए कहा कि दाई, दीदी, बेटी मन ला मोर डहर ले परनाम। लोकवाणी के सब्बो सुनइया मन ला मोर जय जोहार, नमस्कार, जय सियाराम। चंूकि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पूरे देश में महिलाओं के प्रति आदर और उनके अधिकारों को लेकर विचार-विमर्श हुए। इसलिए मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित किया गया।
 

लोकवाणी की इस कड़ी में बहुत बड़ी संख्या में माताओं, बहनों और बेटियों ने अपने विचार, अपनी भावनाओं को रिकार्ड किए गए संदेशों के माध्यम से व्यक्त किया। हिन्दी के अलावा छत्तीसगढ़ी, हल्बी भाषाओं में भी बहनों ने अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ की कल्पना ही छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं।

छत्तीसगढ़ को मां के रूप में, मातृशक्ति के रूप में, देखने और समझने का विचार हमें अपने पुरखों से विरासत में मिला है। राज्य गठन के बाद हमें लगता था कि यह भाव और अधिक सम्मान पाएगा, इसे सार्थक बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा, पइरी के धार, महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया’ को राज्य गीत घोषित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टतः घोषित किया है। हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी- बम्लेश्वरी-महामाया- चंद्रहासिनी- दुर्गा- शीतला और देवी के हर स्वरूप को पूजा जाता है। इस तरह हमारे जनमानस में मातृशक्ति की आराधना का जो भाव है, उसे हमने नए ढंग से प्रतिष्ठित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आदर देने का संस्कार जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन, आत्मसम्मान के लिए सतत् प्रयास करना। राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस काम किए हैं। लोकवाणी में महिलाओं ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के पोषण और सेहत को लेकर संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी।

दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के टिकनपाल भठ्टीपारा की हिरमी बाई ने हल्बी भाषा में अपने विचार व्यक्त करते हुए महिला बाल विकास विभाग के संदर्भ मेला में उनके बच्चे का  स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद डॉक्टरों ने दवाईयां दी। बच्चे की अस्पताल में 15 दिन देखभाल की गयी। आंगनबाड़ी केंन्द्र में पोषण आहार दिया गया। जिससे बच्चे का वजन बढ़ा और वह स्वस्थ है।

उन्होंने इस योजना के संचालन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। राजनांदगांव जिले की रेणुका सोनी और रितु सिन्हा ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। सूरजपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गोशिया बानो ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में रेडी-टू-ईट का वितरण कर हितग्राहियों की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद जब मुझे पता चला कि छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं तो मुझे बहुत दुःख हुआ। कुपोषण और एनीमिया अपने आप में एक गंभीर बीमारी की तरह है और इसके कारण बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं।

इसलिए हमने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया ताकि कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ी जा सके। इस लड़ाई में किसी भी तरह से संसाधनों की कमी न आए, इसके लिए एक ओर जहां विभागों को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए, वहीं दूसरी ओर डीएमएफ की राशि का उपयोग करने की रणनीति अपनाई। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषण आहार को बढ़ावा दिया ताकि लोगों को उनकी रुचि के अनुसार पोषक तत्व मिले। मुझे खुशी है कि एक वर्ष में 1 लाख बच्चे, जिसमें बेटियां अधिक हैं, कुपोषण से मुक्त हुए तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहूंगा कि बहनें और बेटियां हमारी योजना के अनुसार पोषक तत्व और दवाई लेते रहंे। कोरोना काल में भी यह अभियान जारी रहा, जो इस बात का प्रतीक है कि अब कोई भी ताकत आपको कुपोषण और एनीमिया मुक्ति से रोक नहीं पाएगी।

आपके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ के प्रत्येक बच्चे और नारी को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में, शहरी बस्तियों में महिलाओं तक सरलता से स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस, ग्रामीण चलित चिकित्सा इकाई, हमर अस्पताल योजना, हमर लैब योजना, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, मितानिन प्रोत्साहन राशि भुगतान सॉफ्टवेयर आदि उपायों से महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच, उपचार तथा सहायक सेवाओं का काम किया जा रहा है।

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