छत्तीसगढ़ सरकार के पास महज 54 हजार गठान बारदाना एक
सप्ताह ही चलेगा

रायपुर।।छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी शुरू हुए एक महीने से अधिक हो गये। सरकार ने अब तक 65 लाख 63 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा है। इसके लिए 3 लाख 28 हजार गठान बारदानों का उपयोग हुआ है। अब सरकार के पास केवल 54 हजार गठान बारदाना बच गया है। अनुमान है कि यह एक सप्ताह चलेगा।

इन तथ्यों के बावजूद प्रदेश के खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत का दावा है कि खरीदी प्रक्रिया में कहीं कोई दिक्कत नहीं आएगी। खाद्य मंत्री ने कहा, इसकी 1. नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। पीडीएस और मिलरों के यहां से भी बारदाने कलेक्ट किए जा रहे हैं। तेजी से धान के उठाव के निर्देश दिए गए हैं। रोटेशन शुरू होगा तो वहां से भी बोरा आना शुरू हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार यह रोटेशन शुरू हो गया तो आगे बारदानों की दिक्कत नहीं आएगी।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, प्रदेश में धान खरीदी की नीति केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत बनती है। धान खरीदी के लिए हमें 4 लाख 75 हजार गठान बारदानों की जरूरत थी। केंद्र सरकार से 3.5 लाख गठानों की मांग की गई। केंद्र सरकार 3 लाख गठान बारदाना देने पर सहमत हुआ। आपूर्ति की बात आई तो केवल 1 लाख 45 हजार गठान देने को तैयार हुए। उसमें से भी अभी तक हमें एक लाख 9 हजार गठान बारदाना ही मिल पाया है।

खाद्य मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार की अपनी नीतियों के मुताबिक भी हमें मदद नहीं मिली है। बारदानों की क्राइसिस है। इसे हम भी फेस कर रहे हैं। हमने पुराने बारदानों का उपयोग शुरू किया है। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली में मौजूद बारदाने, राइस मिलों के पास मौजूद बारदाने और किसानों के पास मौजूद बारदाने शामिल हैं।

अब सरकार कुछ भी कहे, खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी की वजह से किसान का धान नहीं बिका तो दिक्कत राज्य सरकार को ही होगी। 1 दिसम्बर से शुरू हुई धान की सरकारी खरीदी 31 जनवरी तक चलनी है। सरकार ने इस बार 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का अनुमान लगाया है।

30 के बारदानों के मिल रहे 15 रुपए, मंत्री बोले केंद्र ने तय किया दाम

किसानों का संकट है कि धान बेचने के लिए अगर उन्हें बाजार से बारदाना लाना पड़ा तो वह कम से कम 30 रुपए का आ रहा है। वहीं सरकार 15 रुपए प्रति नग की दर से उन्हें इसका भुगतान कर रही है।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, सरकार केंद्र की गाइडलाइन से बंधी हुई है। बारदानों का यह दाम केंद्र सरकार ने तय किया है। हम एक इंच भी इधर से उधर हुए क्वेरी शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा, धान खरीदी पूरी होने के बाद इस मसले पर सरकार केंद्र के साथ बातचीत कर समाधान का प्रयास करेगी।

खाद्य मंत्री ने केंद्र के साथ भाजपा पर भी साधा निशाना

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, धान खरीदी के मामले में केंद्र सरकार ने सख्त गाइडलाइन दे रखा है। एजेंसी बिठाया है। भाजपा नेताओं को यहां से रिपोर्ट देने को कह रखा है। रमन सिंह और धरमलाल कौशिक रोज स्टेटमेंट दे रहे हैं।

भाजपा के नेता एक ही काम में लगे हैं कि किसानों को जो राज्य सरकार की ओर से मदद की जा रही है उसे कैसे रोका जाए। भगत ने कहा, इनकी दिलचस्पी किसानों तक मदद पहुंचाने की नहीं है। अगर उनकी ऐसी इच्छा होती तो देशभर के किसान जो महीनों से दिल्ली घेरकर बैठे हैं, उनकी समस्या का समाधान जरूर करते।

By पंचायत समीक्षा

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