लोगों को झूठा दिलासा नहीं देना चाहिए-टीएस सिंहदेव

सरगुजा।। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सरगुजा दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से खास बातचीत की. आम बजट,पल्स पोलियो अभियान सहित कई मुद्दों पर उन्होंने अपनी बात रखी।

सवालः केंद्रीय बजट से छत्तीसगढ़ को क्या उम्मीदें है और बजट कैसा हो सकता है ?

जवाबः अभी तक तो निराशा मिली है. पिछले 2 सालों में केंद्र सरकार जो टैक्स जमा करती है और उसका हिस्सा राज्यों को देती है, उसमें 2019-20 में 5 हजार 8 सौ 8 करोड़ छत्तीसगढ़ को नहीं मिले. अपने बजट में उन्होंने 26 हजार करोड़ का टारगेट दिया था, उसमें से 5 हजार 808 करोड़ नहीं मिला. इस साल 2020-21 में 26 हजार 8 सौ करोड़ के लक्ष्य पर 7 हजार 733 करोड़ कम मिलेंगे, ये अनुमान है. 13 हजार करोड़ रुपये यदि केंद्र सरकार किसी राज्य को नहीं दे पाएगी तो उस राज्य के लिए बहुत कठिनाई हो जाएगी।

टीएस सिंहदेव ने बताया कि इस साल केंद्र सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपये खुद अपनी आमदनी को कम आंका है. गिरती हुई अर्थव्यवस्था और कोरोना का भी प्रभाव पड़ा. ये बहुत चुनौतीपूर्ण समय रहेगा. केंद्र सरकार को सोचना ही पड़ेगा. डिफेसिव फाइनेंसिंग के लिए आप रिजर्व बैंक से कर्जा लीजिये और देश की अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्ध कराइये. इसमें विकल्प की बात नहीं होनी चाहिये. इन परिस्थितियों में ये अनिवार्य सा है।

सवालः कोरोना टीकाकरण के साथ पल्स पोलियो अभियान शुरू किया गया है?

जवाबः बहुत ही पुण्य काम है, जिसमें सौभाग्य से हम लोग भी शामिल हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ के 35 लाख बच्चों को पोलियो की ड्राप पिलाई जाएगी. शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को यह ड्रॉप पिलाई जानी है. देश में हमने पोलियो पर विजय तो पा ली है लेकिन दोबारा उसके आने का डर बना रहता है. इसलिए लगातार पोलियो की दावा पिलाने का कार्यक्रम चलाया जाता है.

सवाल: आपने कहा की जिन डॉक्टरों का परफार्मेंस खराब होगा उन्हें पीएचसी में भेज दिया जाएगा?

जवाब: हम लोग प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. एक टीम का हिस्सा हैं, डॉक्टर और मुझे यदि स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि के रूप में काम करने की जिम्मेदारी दी गई है तो हम लोग साथ काम कर रहे हैं. यदि कहीं शिकायत आ रही है तो ये नहीं होना चाहिए. पहले उदयपुर में 2 या 3 डॉक्टर हुआ करते थे तो बहुत बड़ी बात होती थी. लोग कहते थे की एक डॉक्टर आ जाए तो सब बढ़िया हो जाएगा. आज स्वास्थ्य विभाग ने उदयपुर में 10 डॉक्टर दे दिए हैं. यदि ऐसी बात आती है की रात में डॉक्टर नहीं थे तो ये डॉक्टर के लिए, सरकार के लिए और हम लोगों के लिए भी अच्छी बात नहीं है.

सवाल: सूरजपुर के बैजनपाठ में आपने क्या देखा और क्या निर्देश दिए?

जवाब: प्रकृति की सुंदर गोद में बैजनपाठ गांव बसा हुआ है. ऐसी जानकारी मिली की सुविधाओं के आभाव में वे लोग पहाड़ से नीचे रहने का मन बना रहे हैं, वहां बिजली के खंभे नहीं पहुंचे हैं, सड़क नहीं है, वहां जाना काफी जोखिम भरा है. 2016 में शासन ने वहां काम करने के लिए मना कर दिया था. हम फिर से विचार कर रहे हैं कि उसे पीएमजीएसवाई में जोड़ दिया जाए.

लोग चाहते हैं कि वे रायपुर में रहें, बिलासपुर में रहें, अम्बिकापुर में ही रहें तो ये बात नहीं आनी चाहिए. सेवा तो हर जगह करनी है, परफार्मेंस भी होना चाहिए. सिंहदेव ने अस्पतालों में डॉक्टरों की दिक्कत भी बताई कि सरगुजा में शराब का चलन अधिक है. रात में डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ को भी दिक्कत होती है. लोगों को भी समझना होगा, एक आदमी ऐसा करता है, लेकिन प्रभाव पूरे अमले पर पड़ता है. मेरा संकेत यही था कि हमको बेहतर करना है, लोगों को बेहतर सेवा देनी है.

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