नाबालिग विवाह:जिला प्रशासन की सक्रियता से रुका

कवर्धा।।ग्राम समनापुर में बाल विवाह होने की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को प्राप्त हुआ। सूचना पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी के निर्देशन में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने पुलिस विभाग, ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन कोटवार की टीम के साथ संयुक्त रूप से उक्त ग्राम मे बालक के घर जाकर बालक का शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण किया गया जिसके अनुसार बालक की आयु 17 वर्ष 11 माह है, जो विवाह योग्य उम्र से कम है। टीम द्वारा बालक के विवाह योग्य उम्र होने के पश्चात विवाह करने हेतु बालक एवं उनके परिजनो को समझाइस दिया गया। इसी तरह ग्राम अमलीडीह मे बालिका के घर जाकर उनकी भी शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण किया गया ।

जिसके अनुसार बालक की आयु 17 वर्ष 11 माह है, जो विवाह योग्य उम्र से कम है। टीम द्वारा बालक के विवाह योग्य उम्र होने के पश्चात विवाह करने हेतु बालक एवं उनके परिजनो को समझाइस दिया गया। इसी तरह ग्राम अमलीडीह मे बालिका के घर जाकर उनकी भी शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण किया गया जिसके अनुसार बालिका की आयु 19 वर्ष 02 माह होना पाया गया जो विवाह योग्य उम्र हो चुकी है। साथ ही बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा नाबालिग बालक व उनके परिवार एवं स्थल पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी दिए जिसमें 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोना से दण्डित किया जा सकता है की जानकारी दिया गया। काफी समझाइस देने के बाद नाबालिग बालक एवं परिवार जनो ने शादी रोकने सहमति दी जिस पर बाल विवाह रोकथम दल ने विवाह स्थल पर पंचनामा एवं घोषणा पत्र तैयार कर बाल विवाह रूकवाया।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी पंचायतों में बाल संरक्षण समिति गठित है समिति में सरपंच पंच सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिन शिक्षक एवं गांव के गणमान्य नागरिक सामिल है। जिन्हें बाल अधिकार संरक्षण विषय पर विभिन्न कार्यक्रम प्रशिक्षण जित कर महिला एवं बाल विकास की टीम द्वारा जागरूक किया जाता है। लोगों में जागरूकता आने से बाल विवाह पर पूर्णतः रोक लगाया गया है।

बाल विवाह रोकथाम के दौरान श्रीमति स्मिता सिंह, पर्यवेक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई से अविनाश सिंह ठाकुर, परामर्षदाता, श्री विनय जंघेल, आउटरिच वर्कर पुलिस विभाग से प्रधान आरक्षक श्री मनोज तिवारी, श्री संदीप शुक्ला ग्राम पंचायत सरपंच एवं अध्यक्ष बाल संरक्षण समिति, आंगनबाडी कार्यकर्ता उपसरपंच ग्राम के पंच ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति के सभी सदस्य एवं अन्य ग्रामवासी उपस्थित थे ।

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