पत्रजीवी मुख़्यमंत्री: पूरे भारत में सबसे ज्यादा पत्र लिखने वाला कोई मुख्यमंत्री हैं तो वह भूपेश बघेल हैं, पत्रजीवी मुख्यमंत्री… सदन में नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने साधा निधाना

रायपुर।।राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार को आड़े हाथ लिया. कहा कि सरकार के पास बताने के लिए कुछ नहीं है, और जो है वह प्रधानमंत्री की दी हुई है. मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी में भी शराब का पैसा आ रहा है. दो सालों के भीतर राज्य में 439 किसानों ने आत्महत्या की है. पूरे भारत में सबसे ज्यादा पत्र लिखने वाला कोई मुख्यमंत्री हैं. तो वह भूपेश बघेल हैं. पत्रजीवी मुख्यमंत्री।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल से झूठ कहलाया गया. जन घोषणा पत्र के अधिकांश वादों को पूरा किये जाने की बात सामने आ रही है, लेकिन हकीकत कुछ और है. झूठ की बुनियाद पर यह सरकार टिकी हुई है. एक भी किसान ऐसा नहीं है, जो ये कहे कि उनके खाते में धान के समर्थन मूल्य का पूरा 2500 रुपये चला गया. घोषणा पत्र में बकाया बोनस देने का भी वादा था, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में राज्यपाल का ये तीसरा अभिभाषण था, एक में भी बोनस दिए जाने का जिक्र तक नहीं है. 60 साल उम्र से अधिक के लोगों को पेंशन, पूर्ण शराबबंदी, महिला स्व-सहायता समूह के लिए किये गए वादों का क्या हुआ?

उन्होंने कहा कि अभिभाषण में इसका जिक्र किया गया कि आठ महीनों तक निःशुल्क चावल का वितरण किया गया. ये चावल राज्य ने नहीं दिया, ये केंद्र सरकार का दिया हुआ चावल है. पंचायतों को जो दो-दो क्विंटल चावल दिया गया, वह भी 14वें वित्त आयोग से आई राशि से किया गया. पंचायतों से एडवांस चेक कटाकर मांगा गया. मनरेगा में अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का भुगतान नहीं हुआ है. नाखून काटकर शहीद होने वाली बात है कि कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा रोजगाए छत्तीसगढ़ ने दिया. मनरेगा के तहत रोजगार भी मोदी सरकार की नीतियों के तहत दिया गया।

कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सिंचाई घटी है. बोधघाट परियोजना को पहले इसी सरकार ने बंद किया था और आज इसी परियोजना को ला रहे हैं. कल तक मुख्यमंत्री के साथ बैठने वाले लोग ही आज इसका विरोध कर रहे हैं. गोधन न्याय योजना के तहत 10 हज़ार से कम भुगतान पाने वाले 1 लाख 53 हज़ार लोग हैं. दिन भर गोबर इकट्ठा करने के बाद किसान को औसत 45 रुपए मिल रहा है. किसानों को 71 करोड़ का भुगतान किया है, लेकिन अब तक 71 लाख तक का जैविक खाद्य नहीं बेचा है. इस सरकार में ऐसा ही काम हो रहा है. शराब पर लिया जा रहा सेस भी इन योजनाओं में खर्च नहीं हो रहा है ।

धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में करोड़ों का लेन-देन हो गया. ये स्थिति है. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्ज़ योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा. स्मार्ट सिटी परियोजना में करोड़ों रुपए केंद्र से मिल रहे हैं. लेकिन ये राशि बंदरबाट की भेंट चढ़ गया. पीएससी आज सुर्ख़ियों में है. हम भी 15 साल सरकार में रहे. ऐसे हालात कभी नहीं थे. उन्होंने इस सरकार के आने के बाद से मफ़ियाओं का राज शुरू हो गया है. माफियाओं का बोलबाला है. छत्तीसगढ़ शराब की मंडी बन गई है।

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