फर्जी GST इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े बड़े रैकेट का खुलासा…
रायपुर।।वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) इंटेलीजेंस महानिदेशालय, छत्तीसगढ़ राज्य ने फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े एक बड़े रैकेट का खुलासा करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। विगत तीन माह से भारत सरकार, राजस्व विभाग, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस द्वारा देशभर में चल रहे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के रैकेट पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में (जीएसटी) इंटेलीजेंस, रायपुर द्वारा की जा रही एक जांच में एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसको अंतर्राज्यीय स्तर पर कई सालों से चलाया जा रहा था।
जीएसटी) इंटेलीजेंस रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पांडेय के कुशल नेतृत्व एवं अतिरिक्त निदेशक महेंद्र कुमार शर्मा की अगुवाही में एवं उप निदेशक एसके दास के निर्देशन में तीन महीनों से चल रही जांच में आज विभाग को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दरअसल, विभाग द्वारा एक ऐसे अंतर्राज्यीय फेक बिल के रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें 30 से अधिक फर्जी फर्मों को बनाकर लगभग एक हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की फर्जी बिलिंग कर लगभग रूपए 258 करोड़ रुपये का GST फर्जीवाडा कर शासन को कर हानि पहुंचाई गई है।
सूत्रों के अनुसार, उक्त फर्जी फर्मों से फर्जी बिल जारी कर उनके आधार पर विभिन्न फर्मों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित कर उनका IGST रिफंड प्राप्त किया गया है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह अब तक का छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा GST फेक ITC फर्जीवाड़ा है। इसकी जांच पिछले तीन माह से अधिकारियों द्वारा की जा रही थी, जिसके सुराग जुटाने के लिए कई जगह छापेमार कार्यवाही की गई। खासतौर पर रायपुर से 1000 किलोमीटर दूर ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से भी विभागीय अधिकारियों ने सबूत जमा किए।
पिछले दो महीनों से अधिकारियों द्वारा भेष बदल बदल कर आरोपियों के कई ठिकानों पर नजर रखी जा रही थी। इसके साथ ही दो माह से छुप रहे आरोपियों तक पहुंचने में कई प्रकार के साइबर फॉरेंसिक टूल्स जैसे IP एड्रेस ट्रैकिंग, CDR एनालिसिस, मनी ट्रेल एनालिसिस, CCTV फुटेज इत्यादि की मदद ली गई। गौरतलब है कि आरोपी अपना नाम बदलकर, फर्जी किरायानामा एवं फर्जी पहचान पत्र (PAN कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड इत्यादि) के आधार पर फर्मों का GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर उनको संचालित करते थे।
GST इंटेलिजेंस रायपुर के अधिकारियों द्वारा दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर रायपुर न्यायलय में पेश किया गया, जहां से उसको 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में आठ फरवरी तक जेल भेज दिया गया। फेक ITC के खिलाफ चल रही मुहिम में विभाग ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार भी किया है और करीब 150 करोड़ रुपये की कर वसूली भी की है।
इस मामले में GST इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि टैक्स चोरी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हमें आशा है कि टैक्स कंप्लायंस में जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा। इसके अलावा GST इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त निदेशक महेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से हम उन आरोपियों को पकड़ने में सफल हो पाए, जिनकी तलाश देश भर की तमाम टैक्स एजेंसीज कई सालों से कर रही थीं। हम आगे भी ऐसे ही प्रयास करते रहेंगे।