फेसबुक-ट्विटर पर सख्ती: भारत में बिजनेस करना है तो हमारे कानून का पालन करना होगा; नहीं तो कार्रवाई होगी

नई दिल्ली।। सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स ट्विटर और फेसबुक को केंद्र सरकार ने सख्त चेतावनी दी है। राज्यसभा में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हम सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को ताकत दी है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में सोशल मीडिया की भूमिका काफी अहम है, लेकिन अगर इसके जरिए फेक न्यूज और वॉयलेंस को बढ़ावा मिलता है तो हम कार्रवाई करेंगे। फिर वो ट्विटर हो या कोई प्लेटफार्म।’

प्रसाद ने आगे कहा, ‘हमने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से हमारे नियम-कानून को साझा किया है। उनसे कहा है कि अगर भारत में बिजनेस करना है तो हमारे कानून का पालन करना होगा।’

फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन कुछ पाबंदियां भी हैं
प्रसाद ने कहा, ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन आर्टिकल 19A ये भी कहता है कि कुछ विषयों पर जरूरी पाबंदियां होंगी। सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को भारत के संविधान को मानना होगा। संविधान सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना का हक देता है, लेकिन फेक न्यूज फैलाने की अनुमति नहीं है।’

अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग पैरामीटर नहीं हो सकता
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘ये कैसे हो सकता है कि कैपिटल हिल्स पर हिंसा के लिए कुछ और नियम अपनाया जाए और लाल किले पर हुई हिंसा के लिए अलग। अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग पैरामीटर को हम मंजूरी नहीं दे सकते हैं।’

कार्रवाई में देरी पर सरकार ने नाराजगी जताई

इसके पहले बुधवार को किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर के अड़ियल रवैये पर सख्ती दिखाई। केंद्र सरकार ने ट्विटर से सख्त लहजे में कह दिया है कि साइट से ऐसे हैंडल्स को किसी भी हाल में हटाना ही होगा। IT मंत्रालय ने ऐसे 257 हैंडल्स को हटाने के निर्देश दिए हैं।

सरकार ने ट्विटर पर चल रहे #farmer genocide (किसान नरसंहार) जैसे हेशटैग वाले अकाउंट्स पर कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि बुधवार को ट्विटर ने बताया कि उसने 500 से अधिक अकाउंट्स सस्पेंड कर दिए हैं।

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