ब्रेकिंग CG :इस अस्पताल के CORONA मरीजों के इलाज पर तत्काल लगी रोक…

महासमुंद।। आदित्या हॉस्पिटल महासमुंद पर CORONA मरीजों के इलाज के लिए दी गई अनुमति पर स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक CORONA त्रासदी के बीच एक ओर जहां मानवीय पहलुओं को जीवंत करती बातें सामने आती हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो इस आपदा को भी कमाई के अवसर के तौर पर देख रहे हैं. खास तौर पर स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में लगे कुछ अस्पताल व इनके कर्मी शामिल हैं. ऐसे ही तत्वों पर अब प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके मंडपे ने बताया कि 10 अप्रैल 2021 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय महामसुन्द के आदेश क्रमांक/नर्सिंग होम/एक्ट/2021/1560 के द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए आदित्या हॉस्पिटल, पुरानी मंडी रोड, गंज पारा महासमुन्द को कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के शासन द्वारा निर्धारित दर से उपचार की अनुमति प्रदान की गई है।

उन्होंने बताया कि उक्त क्लीनिकल स्थापना के विरूद्ध लगातार शिकायत प्राप्त हो रही है कि अस्पताल संचालक द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल किया जा रहा है. इस संबंध में संबंधित संस्था को पत्र क्रमांक 1795 दिनांक 23 अप्रैल 2021 एवं पत्र क्रमांक 1889 दिनांक 28 अप्रैल 2021 के द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया था. इस संबंध में आज दिनांक तक संबंधित संस्था का जवाब कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।

नोटिस जारी करने के पश्चात् संबंधित संस्था के विरूद्ध लगातार अधिक राशि वसूल किए जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही है एवं दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से इनके विरूद्ध समाचार प्रकाशित किया जा रहा है. शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य नहीं करने के कारण आदित्या हॉस्पिटल महासमुन्द को कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्रदाय की गई अनुमति को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके मंडपे ने बताया कि इसी तरह महासमुन्द जिले के 2 अस्पतालों इनमें आरएलसी हॉस्पिटल महासमुन्द एवं भारती हॉस्पिटल सरायपाली को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

इसमें आरएलसी हॉस्पिटल महासमुन्द एवं भारती हॉस्पिटल सरायपाली को कोविड-19 के मरीजों के कोविड-19 जांच के एवज में शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूली किए जाने के कारण नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।

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