मंत्री अमरजीत भगत को बर्खास्त करने की मांग,25 एकड़ जमीन हथियाने का लगा आरोप

जशपुर।।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पाँच कोरवा परिवारों के खाते की लगभग 25 एकड़ पूरी जमीन छल-कपट करके प्रदेश के मंत्री अमरजीत भगत के न्यायाधीश पुत्र के नाम कर हथिया लिए जाने के बेहद गंभीर खुलासे के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को किसान-आदिवासी विरोधी बताते हुए मंत्री भगत को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर पूरे मामले की जाँच करा दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।

श्री साय ने कहा कि वास्तव में तो इस प्रदेश सरकार को भी एक पल सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है, जिसमें कमीशनखोरी करने वाले, सत्ता के घमंड में चूर अपने अड़ियल रवैए से जनस्वास्थ्य से घिनौना खिलवाड़ करने वाले, किसानों की आत्महत्या के कलंक में आकंठ सराबोर होकर शर्मनाक सियायत करने वाले और भोले-भाले आदिवासियों के साथ छल-कपट करने में जरा भी नहीं हिचकते मंत्रियों ने प्रदेश को कदम-कदम पर शर्मिंदा ही किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश के तमाम माफिया अपने-अपने बिलों से बाहर आकर लोगों का जीना हराम किए बैठे हैं अभी हुए इस ताजे खुलासे के बाद कोरवा परिवारों को अब यह आशंका सता रही है कि यदि इस पर रोक नहीं लगी और कार्रवाई नहीं हुई तो जमीन माफिया कोरवा-परिवारों की पूरी जमीन ही कब्जा लेंगे श्री साय ने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवा जनजाति के परिवारों की जमीन एक मंत्री पुत्र के नाम कर दिए जाने का यह मामला प्रदेश सरकार के कलंकपूर्ण राजनीतिक चरित्र का परिचायक है।

आदिवासियों और किसानों के हितों के संरक्षण के प्रदेश सरकार के तमाम दावे कोरी सियासी लफ्फाजी साबित हो रहे हैं और कांग्रेस सरकार के मंत्री सत्ता का दुरुपयोग कर अब विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति की आजीविका के साधन पर डकैती डालने पर आमादा नजर आ रहे हैं।

पीड़ित परिवारों ने की है ज्ञापन देकर भूमि वापस दिलाने की मांग

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि अभी लगभग तीन सप्ताह पहले ही आशीष भगत वल्द अमरजीत भगत ने ग्राम गुतुकिया के एक कोरवा परिवार की शामिलात खाते की कुल 25.88 एकड़ भूमि को 11.25 लाख रुपए बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री करा ली थी, जिसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर व एसपी (जशपुर) को ज्ञापन देकर भूमि वापस दिलाने की मांग की और क्रेता समेत अन्य संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।

श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार तो यूँ ही छलावों, वादाखिलाफी और किसान-अदिवासी विरोधी चरित्र के लिए जानी जा रही है, अब उसके मंत्री बेखौफ सतता के बल पर आदिवासी, वह भी विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति के परिवारों के साथ ऐसे घिनौने कृत्य करने में लगे हैं, यह प्रदेश सरकार के चेहरे पर कालिख से कम नहीं है। श्री साय ने इस पूरे मामले पर संजीदगी से कार्रवाई कर कोरवा परिवारों को उनकी जमीन वापस दिलाकर उनके साथ इंसाफ करने की पुरजोर मांग की है।