महाशिवरात्रि: श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन करने आए भक्तों पर मुस्लिमों ने पुष्प वर्षा किया, बोले- गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल हैं

उत्तर प्रदेश।। कोरोना काल में पहली बार गुरुवार को शिवरात्रि के दिन भक्तों का रेला देखने को मिल रहा है। सभी की यही कामना घर परिवार संग देश में सुख और समृद्धि आए। कोरोना जैसी बीमारी से बाबा मुक्ति दिलाए। वहीं काशी के मुस्लिम भाइयों और बहनों ने गोदौलिया पर लाइन में लगे बाबा के भक्तों पर पुष्प वर्षा किया। पिछले कई सालों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया गया है।

शिव भक्तों का स्वागत फूलों से किया गया

आशिफ सेख ने बताया काशी में मुस्लिम हिंदू भाइयों के साथ हर त्योहार मनाते हैं। काशी में हम सभी एक दूसरे के खुशियों में शामिल होते हैं। समाज में जो दूरी बनी है। उसको हम सभी खत्म करना चाहते हैं। सावन में कैंप लगा कर बाबा के भक्तों की सेवा मुस्लिम भाई करते हैं।

भक्त ढोल मंजीरा के साथ भजन गाते हुए।

भक्त ढोल मंजीरा के साथ भजन गाते हुए।

भक्तों के सुगम दर्शन की व्यवस्था के लिए चारों द्वार से प्रवेश

भक्तों की भीड़ को देखते हुए गेट नंबर एक ढुंढिराज गणेश से प्रवेश और निकासी श्रृंगार गौरी की ओर से हो रहा हैं। मैदागिन से चौक की ओर आने वाले भक्तों को पांचों पांडवा गेट से प्रवेश दिया जा रहा हैं। उनकी निकासी नीलकंठ की ओर से किया जा रहा हैं। सरस्वती फाटक से आने वाले भक्त दर्शन के बाद वही से जा रहे हैं। बुजुर्गों, दिव्यांगों का प्रवेश और निकासी छत्ताद्वार से हो रहा हैं।

शिव बारात की तैयारी में बैंड बाजा भी पहुंचा।

शिव बारात की तैयारी में बैंड बाजा भी पहुंचा।

बाबा मेवा और रुद्राक्ष का सेहरा और मां गौरा गुजराती लहंगा पहनेंगी

महाशिवरात्रि के पर्व पर बाबा विश्वनाथ को दूल्हा और मां गौरा दुल्हन बनेंगी। महंत डॉ. कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर तैयारी किया जा रहा हैं। बाबा का सेहरा रुद्राक्ष और मेवे से बनाया गया हैं। मां पार्वती के लिए गुलाबी गुजराती लहंगा बनाया गया हैं। भगवान के रजत मूर्ति को सेहरा सांयकाल धारण कराया जाएगा।

मां पार्वती का गुजराती लहंगा।

मां पार्वती का गुजराती लहंगा।

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