लगातार खाकी पर हमला : पड़ोसी ने आरक्षक से की मारपीट..2 आरोपी गिरफ्तार…कुत्ता घुमाने को लेकर हुआ विवाद.

सरगुजा।।शहर में अपराधियों से पुलिस का खौफ पूरी तरह से खत्म हो चुका है. यही कारण है कि अभी थाने के अंदर एक आरक्षक से मारपीट का मामला शांत भी नहीं हुआ कि अब एक बार फिर लोगों ने खाकी पर हमला बोल दिया. इस बार वर्दी में मौजूद आरक्षक को घर से बाहर निकालकर उसपर हमला किया गया है. आरक्षक को लहूलुहान करने के बाद हमलावर भाग निकले. घायल आरक्षक बीरेंद्र तिवारी ने गांधीनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसपर पुलिस ने राजू सिंह, प्रिंस सिंह सहित अन्य के खिलाफ धारा 294, 506,323,452,34 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई. पुलिस ने जल्द ही राजू सिंह व प्रिंस सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

कुत्ते के कारण हुआ विवाद

पूरा विवाद पड़ोसियों के कुत्ते को आरक्षक के घर के बाहर टॉयलेट कराए जाने से शुरू हुआ. पुलिस के आला अधिकारी इसे आपसी रंजिश का मामला बता रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात तो यही है कि लगातार खाकी पर हो रहे हमले ने पुलिस की कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा करता है. जिस तरह लोग पुलिसकर्मियों पर ही हमला कर रहे है तो ऐसे में पुलिस जनता की सुरक्षा कैसे करेगी. यदि ऐसे ही अपराधी खाकी को रक्त रंजित करते रहे तो आने वाले समय में अपराध चरम पर पहुंच जाएगा।

ये है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि शहर के गांधीनगर थाना के गोधनपुर वार्ड 5 निवासी बीरेंद्र तिवारी कोतवाली थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं. आरक्षक की ड्यूटी वर्तमान में डायल-112 में लगाई गई है. आरक्षक घर से बाहर निकले तो देखा कि पड़ोसी युवक राजू सिंह अपने कुत्ते लेकर घुमाने निकला था. आरक्षक के घर के दरवाजे पर ही शौच करवा रहा था. जिसपर आरक्षक ने मना करते हुए समझाइश दी. जिसके बाद राजू सिंह आरक्षक से गाली-गलौज करने के बाद भाग निकला. जिसके बाद आरक्षक भी ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार होने चला गया. इसी बीच राजू सिंह, प्रिंस सिंह सहित अन्य कई युवक उसके घर में घुस आए और आरक्षक पर हमला कर दिया. घर में ही आरक्षक की पिटाई कर भाग निकले।

लगातार खाखी पर हमला

शहर में खाकी पर हमले का कोई पहला मामला नहीं है. हाल ही में कोतवाली थाने के अंदर घुसकर आरक्षक के साथ मारपीट का मामला सामने आया था. जबकि इसके पूर्व अम्बेडकर चौक पर कुछ युवकों ने 23 जनवरी को यातायात आरक्षक पर हमला कर दिया था. खाकी पर हो रहे हमले से सवाल उठ रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस के आला अधिकारी इसे आपसी रंजिस बता रहे हैं. लेकिन ज्यादातर अपराध तो आपसी रंजिश के कारण ही होता है. लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं है कि कोई पुलिसकर्मी पर ही हमला कर दे।

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