सरगुजा:मैनपाट महोत्सव की भव्य तैयारियों को लेकर सियासी घमासान

रायपुर।।अंबिकापुर में 12 से 14 फरवरी तक मैनपाट महोत्सव का आयोजन होना है. महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है. जिसे लेकर रायपुर में राजनीतिक पारा चढ़ गया है. दरअसल राज्य में सरकारी आयोजन सादगी से मनाए जा रहे हैं. हाल ही में हुए गणतंत्र दिवस समारोह भी सादगी से मनाया गया. लेकिन अब मैनपाट महोत्सव आयोजन को लेकर सरकार की जिस तरह से तैयारी दिख रही है, उसे लेकर विपक्ष को मौका मिल गया है. विपक्ष ने निशाना साधा है कि सरकार कोरोना काल में दूसरे काम छोड़कर महोत्सव और आयोजनों में व्यस्त हो गई है।

12 से 14 फरवरी तक मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है. तीन दिवसीय इस आयोजन में कई कार्यक्रम होने वाले हैं।

इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन-

  • कठपुतली नृत्य
  • शिव झांकी
  • लेजर लाइट साउंड शो
  • मेला
  • बोटिंग
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों की प्रस्तुति

सरकार कर रही फिजूलखर्च

मैनपाट महोत्सव में कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर बीजेपी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि कोरोना काल में सरकार फिजूलखर्च कर रही है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी भर्ती रद्द की गई. कई खर्चे कम किए गए. ऐसे समय में सरकार मैनपाट महोत्सव और अन्य आयोजनों में डूबी हुई है. श्रीवास ने कहा कि ऐसे समय में बड़े-बड़े महोत्सव को ना करके मूल चीजों पर काम किया जाए।

शाह और मोदी के कार्यक्रम में बीजेपी को कोरोना का डर नहीं रहता

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी के नेता अपनी सरकार जाने के बाद बौखला गए हैं.कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन सिंह ने करीना कपूर और कंगना रनौत को बुलाकर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए. उस दौरान उन्हें पैसों की फिजूलखर्ची नहीं दिखी. मैनपाट महोत्सव में तिब्बत और आदिवासी संस्कृति का बेहतर मेलजोल दिखता है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि शाह और मोदी की रैली में जब भीड़ इकट्ठा होती है उस समय कोरोना का डर नजर नहीं आता है।

बहरहाल एक बार फिर छत्तीसगढ़ में आयोजनों और महोत्सव में खर्च और कटौती को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है. साल 2020 में हुए आयोजन तो सादगी से मना लिए गए, लेकिन शायद अब सरकार साल 2021 के आयोजनों को खास बनाने के मूड में हैं।

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