सीईओ की लापरवाही:संचार क्रांति योजना में गबड़बड़ी, जनहित याचिका पर शासन ने नहीं दिया जवाब

बिलासपुर।। जांजगीर-चांपा जिले की जनपद पंचायत बलौदा में संचार क्रांति योजना में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य शासन ने तीन माह बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने शासन को जवाब देने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है।

डिजीटल इंडिया अभियान में शासन की संचार क्रांति योजना (स्काई योजना) के तहत जांजगीर-चांपा जिले की जनपद पंचायत बलौदा की ग्राम पंचायत नवगवां में 12 लाख की लागत से मोबाइल टावर लगाने लगाया गया। इसके साथ ही 480 हितग्राहियों को मोबाइल वितरित करने की योजना बनाई गई।

इसके तहत शासन ने निर्धारित संख्या में मोबाइल ग्राम पांयत को भेज दिया। इसके बाद जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सभी मोबाइल फोन को अपने आफिस मंगवा लिया। बाद में कहा कि उनके कार्यालय से मोबाइल का वितरण किया कराया जाएगा। इस बीच काफी समय बीत गया। फिर भी ग्रामीणों को मोबाइल का वितरण नहीं किया गया। इस पर गांव के सरपंच ने जनपद से लेकर जिला पंचायत व कलेक्टर से शिकायत की। 

लेकिन अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया और मोबाइल का वितरण नहीं हो सका। बाद में यह बताया गया कि इस इलाके में नेटवर्ट ठीक नहीं है। इसलिए यहां टावर नहीं लगेगा और मोबाइल भी नहीं बंटेगा। इस पर गांव के स्थानीय निवासी परमानंद राठौर ने वकील रत्नेश अग्रवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। इसमें कहा गया है कि योजना के तहत प्रदेश को डिजीटल बनाने की योजना थी। शासन की इस महत्वपूर्ण योजना में अधिकारियों ने अनियमितता की है। 

इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले की पिछली सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ में हुई थी। तब नवंबर में युगलपीठ ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। लेकिन अब तक शासन ने जवाब नहीं दिया है।

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