बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू के लिए लाया जाएगा अभियान, जानें पूरी खबर…

कोरिया।। राज्य शासन के निर्देश और कलेक्टर श्याम धावड़े के मार्गदर्शन में जिले में बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू एवं पुनर्वास हेतु अभियान चलाया जायेगा। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस अभियान के क्रियान्वयन की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अभियान के तहत ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है। दिन में सड़कों पर रहते हैं और रात में निकट की झुग्गी, झोपडी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते है, ऐसे श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते है। इन बच्चों का पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान करने, शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने, उनके परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था हेतु विभिन्न विभाग के समन्वय से कार्ययोजना अनुसार 25 दिसम्बर 2021 से 25 जनवरी 2022 तक अभियान चलाया जावेगा।

एसडीएम होगें अपने अनुभाग के नोडल अधिकारी, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में बाल संरक्षण समिति का होगा प्रशिक्षण। अभियान की रूपरेखा के अनुसार अभियान के प्रभारी क्रियान्वयन हेतु सर्व अनुविभागीय अधिकारी(रा.) को नोडल अधिकारी तथा सर्व परियोजना अधिकारी बाल विकास विभाग को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही पर्यवेक्षक को सेक्टर स्तर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अभियान संचालन हेतु ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण 22 दिसंबर 2021 तक आयोजित किया जावेगा। राज्य स्तर से प्रेषित कार्ययोजना, प्रपत्र नोडल अधिकारियों द्वारा ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों, शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को उपलब्ध कराया जाना एवं प्रशिक्षण, संवेदीकरण 24 दिसंबर 2021 तक किया जाना है।

अभियान के दौरान चिन्हांकित बालकों को बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय(बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं नियम 2018 के प्रावधान अनुसार पुनर्वास की कार्यवाही किया जाना है। साथ ही पोर्टल पर सभी बालकों के संबंध में जानकारी संधारित किया जाना है। स्ट्रीट सिचुएशन्स वाले बच्चों के रेस्क्यु हेतु तत्काल जिला बाल संरक्षण इकाई को सुचित किया जाना है। जिनके द्वारा बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार पुर्नवास की प्रक्रिया सुनिश्चित किया जाना है।

बच्चों को बेहतर भविष्य एवं उनके परिवार का शासकीय योजनाओं के जोड़कर लाभान्वित करने का उदेश्य। बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल, उनके शाला प्रवेश तथा उनकी शिक्षा निरंतर रखने, उनकी आश्रय प्रदान किए जाने के उपाय किया जावे। नगरीय प्रशासन विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उक्त कार्ययोजना के क्रियान्वयन प्रचार-प्रसार बच्चों, परिवार के पुनर्वास, उनके आजीविका के विभिन्न उपायों में सहयोग किया जाना है। चिन्हांकित बालक एवं उनके परिजनों को कौशल उन्नयन, रोजगार तथा अन्य सहायता की आवश्यकता हो, उन्हें शासन की विभिन्न विभागों की प्रचलित योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जाना है। ऐसे क्षेत्रों में जहां उल्लेखित श्रेणी के बालक अधिक संख्या में देखे जा रहे है उन क्षेत्रों में ऐसे परिवारों को स्थाई आजिविका उपलब्ध कराये जाने के उपाये किये जायेंगे।

गतिविधियों में कोविड-19 के संबंध में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वरा समय-समय पर जारी दिशा, निर्देशों, प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सम्पादित करेंगे। स्ट्रीट सिचुएशन्स बाले बच्चों का चिन्हांकन एवं पुनर्वास सतत् प्रक्रिया है। इस कारण यह अभियान के समाप्ति के उपरांत भी सतत् रूप से चिन्हांकन, पुनर्वास एवं बाल स्वराज पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की कार्यवाही की जावेगी।

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