सरगुजा में मॉडर्न यात्री प्रतिक्षालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, घटिया निर्माण हो रहा मंत्री के क्षेत्र में…

सरगुजा।। आदिवासी इलाकों में धूप, बारिश से बचाव के लिए मार्डन यात्री प्रतिक्षालय (Modern Passenger Waiting Rooms) का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन सामग्री का घटिया स्तर होने की वजह से निर्माण के दो चार दिनों में ही प्रतिक्षालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया है। आलम ये है कि खाद्य एवं संस्कृति मंत्री के क्षेत्र में हो रहे घटिया निर्माण कार्य को रोकने की कोई अधिकारी हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है। दरअसल इस काम को ग्राम पंचायत की तरफ से कराया जाना था। लेकिन ऊपरी स्तर की सेटिंग के कारण ये काम रायपुर का ठेकेदार कर रहा है। बताया जाता है कि रायपुर के ठेकेदार को राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला है।

डिस्ट्रिक मिनरल फंड से जारी राशि

सीतापुर विधानसभा के बतौली और मैनपाट ब्लॉक में जिला खनिज न्यास (DMF) मद से चार मार्डन यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें बतौली ब्लॉक सरमना और सलयाडीह के अलावा मैनपाट के रोपाखार और एक अन्य ग्राम पंचायत में सडक किनारे यात्री प्रतिक्षालय बनाया जा रहा है। 7 लाख 85 हजार रुपए की कीमत से बनाए जाने वाले इस यात्री प्रतिक्षालय निर्माण के लिए जनपद पंचायत बतौली औऱ जनपद पंचायत मैनपाट को कार्य एजेंसी बनाया गया था और निर्माण का ये काम नियमानुसार ग्राम पंचायत के लोगों से कराया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इन दोनों ब्लॉक के चार ग्राम पंचायत में सड़क किनारे यात्री प्रतिक्षालय को रायपुर का एक ठेकेदार करा रहा है। अब इसके पीछे क्या सेटिंग ये कह पाना मुश्किल है। लेकिन घटिया निर्माण के तुरंत बाद उजड़ते यात्री प्रतिक्षालय के बाद इन गांव के ग्रामीणों में बहुत नाराजगी है।

बतौली के दोनों प्रतिक्षालय उखड़ गए

बतौली ब्लॉक के दो ग्राम पंचायत सलयाडीह और सरमना में अत्याधुनिक यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण किया गया है। निर्माण कार्य अब घटिया सामग्री के इस्तेमाल की वजह से उखड़ने लगे हैं। दीवारों में बडी बडी दरारें आ गई हैं। दरअसल तीन महीने में पूरा किया जाने वाला ये काम पहले तो एक साल में हुआ और जब नवंबर 2021 में काम पूरा हुआ तो ये जगह जगह से खराब होने लगा। एक तकनीकी जानकार ने बताया कि इस यात्री प्रतिक्षालय के प्लींथ (बेस) में बालू की जगह मिट्टी भर दिया गया है और बीप होल नहीं बनाए जाने के कारण इसकी दीवार क्रेक हो रही है। इसके अलावा निर्माण में बिना बेस गिट्टी के कॉलम खडा कर दिया गया है। जो कभी भी धराशायी हो सकता है। साथ ही फर्श को बिना बेस किए ही टाइल्स लगा दिया गया है। जिससे दोनों ग्राम पंचायत के यात्री प्रतिक्षालय की टाइल्स पूरी तरह से उखड गई है। जानकारी के मुताबिक इस निर्माण मे कोई भी सामग्री मानक के हिसाब से नहीं लगाई गई है और उसके बाद ठेकेदार को आधा पेमेंट कर दिया गया है।

कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र वाले डिस्ट्रिक मिनरल फंड की राशि के लिए जब जनपद सीईओ को ऐजेंसी बनाया गया। और जब उसके निर्माण कार्य की निगरानी के लिए जनपद के आरईएस विभाग को तैनात किया गया तो कैसे जनपद सीईओ और आरईएस के एसडीओ को घटिया निर्माण रोकना चाहिए। जबकि जानकारी तो यहां तक है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के जिले में होने वाले सभी कामों की क्वालिटी चेक करने वाले सबसे बडे अधिकारी आरईएस विभाग के ईई ने भी घटिया निर्माण का निरीक्षण किया। लेकिन उसके बाद भी ठेकेदार पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। वैसे इनमे से एक गांव के सरंपच ने बताया कि विधायक के कोई आदमी रायपुर से आकर काम कर रहा था। मैं उसका नाम नहीं जानता हूं,

इस मामले को लेकर जब ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) के ईई विपिनराज सिंह से पूछा गया तो उन्होने कहां कि मैं एक दिन रास्ते से गुजर रहा था। मैने उस यात्री प्रतिक्षालय को देखा जिसके टाइल्स वगैरह उखड रहे थे। मैंने संबंधित काम के सब इंजीनियर को सुधारवाने के निर्देश दिया था। इतना ही नहीं उन्होने कहा कि उस काम के लिए मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कहीं प्रकाशन होता है, शिकायत आती है और ऊपर से आदेश होता है तो फिर मै जांच करने जाऊंगा। इस मद की ऐजेंसी जनपद पंचायत के प्रमुख और जनपद सीईओ विजय श्रीवास्तव के मुताबिक ठेकेदार से सब कुछ ठीक कराया जाएगा। और जब तक आरईएस के इंजीनियर मूल्यांकन और एसडीओ की तरफ से वेरीफफिकेशन नहीं होगा। तब तक दूसरे किश्त की राशि नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा अब तो शिकायत मिल गई है तो सवाल ही नहीं उठता है कि बिना काम ठीक हुए राशी दी जाए।

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