टी.एस.सिंहदेव पर: कीमती जमीन हड़पने का लगा आरोप, बीजेपी पार्षद ने की शिकायत, पुलिस ने… पढ़ें पूरी खबर
रायपुर।। छत्तीसगढ़ की राजनीति में जमीन फर्जीवाड़े की एक शिकायत ने राजनीतिक गलियारो में हड़कंप मचा दिया है. इस संबंध में शहर की बेशकीमती करोड़ों की जमीन को गलत ढंग से अपने नाम कराने और उसके बेचने का आरोप बीजेपी नेता और पार्षद आलोक दुबे ने लगाया है. उन्होंने यह आरोप प्रदेश के स्वास्थ मंत्री और स्थानीय विधायक टी.एस.सिंहदेव पर लगाया गया है. वहीं सिंहदेव और उनके वकीलो ने आऱोप लगाने वाले पार्षद को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है. सरगुजा बीजेपी नेता और पार्षद आलोक दुबे ने सरगुजा राजपरिवार के सदस्यों और स्वास्थ मंत्री टी.एस.सिंहदेव पर जमीन फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. पार्षद आलोक दुबे ने राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives) भारत सरकार, नगर निगम के मास्टर प्लान औऱ सरगुजा कलेक्ट्रेट के जमीन से संबंधी दस्तावेजों के रिकार्ड रूम से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर यह आरोप लगाया है. उनका कहना है कि, टी.एस.सिंहदेव औऱ उनके परिवार के सदस्यो के द्वारा रियासत के विलय के दौरान अम्बिकापुर शहर के विभिन्न स्थनों की शासकीय भूमि के दस्तावेजों में फेरबदल कर अपने नाम करा लिया है।
आलोक दुबे का आरोप है कि, “अम्बिकापुर निगम क्षेत्र के भीतर तालाब, स्कूल औऱ अन्य सामाजिक उपयोग की जमीनों को ना जाने किस नियम के तहत पहले अपने नाम करा लिया. जिसके बाद उसको अलग अलग लोगों को बेच दिया. जिस 84 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम कराने का आरोप भाजपा पार्षद ने लगाया है. उनमें सबसे बड़ा हिस्सा कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित मालवीय तालाब का है. इसके अलावा सदर रोड की कुछ जमीनें भी इसमें शामिल हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के जमाने में जमीन के फर्जी नामांतरण (Fake Name Transfer) का आरोप लगाते हुए, उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत कांग्रेस औऱ भाजपा के शीर्ष नेताओं से की है. वहीं बीजेपी नेता ने इस मामले की शिकायत कांग्रेस सांसद राहुल गांधी औऱ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी है. जहां उन्हों ने सभी नेताओ से यह मांग की है कि, जमीन के पुराने सेटलमेंट के आधार पर पूरे मामले की जांच औऱ कार्यवाही की जाए. उनके मुताबिक भारत की आजादी के बाद रियासतों के विलय के दौरान सरगुजा रियासत का भी विलय हुआ था।