15 दिन से सजी है अर्थी लेकिन अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार

दुर्ग/भिलाई।।बीएसपी कर्मचारी की मौत को अबतक 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन उनका परिवार अब भी अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहा है. बीएसपी कर्मी की मौत के बाद घर के आंगन में अर्थी का सारा सामान तैयार हो चुका है, लेकिन अनुकंपा नियुक्ति विवाद के चलते 15 दिन बाद भी कर्मी की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. परिवार मेडिकल ग्राउंड पर बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग पर अड़ा है तो वहीं बीएसपी प्रबंधन इसे अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता से इंकार कर रहा है।

किडनी फेल होने से हुई थी कर्मी की मौत
4 जनवरी को भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी कार्तिक राम ठाकुर की किडनी फेल होने से सेक्टर 9 स्थित अस्पताल में इलाज के दौरान मौत गई थी. अब तक कार्तिक राम ठाकुर की बॉडी मरचुरी में ही है. परिवार वालों का कहना है कि कार्तिक की मौत किडनी फैल होने से हुई है, लेकिन बीएसपी प्रबंधन कोविड का जिक्र कर रही है. मृतक कार्तिक का बेटा महेंद्र ठाकुर ने बताया कि सेक्टर 9 के अस्पताल के साथ रायपुर अस्पताल की भी कोविड रिपोर्ट हमारे पास है, जो निगेटिव है. बावजूद प्रबंधन टाल मटोल कर रही है।

जब तक नियुक्ति नहीं होगी तब तक शव नहीं लूंगी’
मृतक कर्मचारी की पत्नी आशा ठाकुर ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन अड़ियल रवैया अपना रही है, जबकि नियम के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके पति की मौत को 15 दिन हो गए हैं. वे चाहते हैं कि उनका अंतिम संस्कार जल्द हो, लेकिन जबतक बीएसपी प्रबंधक अनुकंपा नियुक्ति नहीं देगी, तब तक शव नहीं लिया जाएगा।

मांग पूरी नहीं तो प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी
बीएसपी कर्मी की मौत के बाद परिवार को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने से गोंडवाना समाज धरने पर बैठ गया है. समाज की महिलाओं समेत बड़ी संख्या में पुरुष भी बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं. समाज के राम सिंह मंडावी ने बताया कि प्रदेशभर में समाज के लोग रहते हैं, यदि बीएसपी प्रबंधन मांग पूरी नहीं करता है तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा. इसकी पूरी जवाबदारी शासन-प्रशासन व भिलाई इस्पात संयंत्र की होगी. साथ ही यह भी कहा कि भिलाई स्टील प्लांट में आदिवासी क्षेत्र से मटेरियल आता है वह भी प्रभावित होगा।

बीएसपी प्रबंधक मामले पर साधी चुप्पी
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने बीएसपी प्रबंधक से बात करने की कोशिश की तो पूरे मामले पर चुप्पी साधे नजर आए. अधिकारी मीटिंग का हवाले देते हुए इस मामले में कुछ भी कहने से कतरा रहे थे।

यह है मामला
भिलाई इस्पात संयंत्र में अटेंडेंट पद पर कार्यरत कार्तिक राम ठाकुर लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था. उन्होनें 2 जनवरी को बीएसपी प्रबंधन को एक पत्र लिखकर अपने बीमार होने की जानकारी दी थी. कार्तिक राम ने अपनी किडनी खराब होने की भी जानकारी दी थी. कार्तिक ने अपने पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की थी. इसके बाद 4 जनवरी को कार्तिक मौत हो गई थी. मौत के बाद से परिवार अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहा।

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