रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी ने कहा – देश में स्वदेशी हथियार होना बेहद जरूरी…

Russia-Ukraine।। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साफ तौर से देश की सेनाओं को स्वदेशी हथियार मुहैया कराए जाने पर जोर दिया है. पीएम मोदी के मुताबिक जब तक सेना के पास स्वदेशी हथियार नहीं होंगे युद्ध में ‘यूनिकनेस’ और ‘सरप्राइज’ नहीं हो सकता है.

स्वदेशी हथियार काफी जरूरी

पीएम मोदी शुक्रवार को रक्षा बजट पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इस वेबिनार का थीम था ‘डिफेंस में आत्मनिर्भरता-कॉल टू एक्शन’. पीएम ने कहा कि इस वेबिनार का थीम ही भारत के इरादों को दर्शाता है. पीएम ने कहा कि सभी देशों के पास एक जैसे हथियार और सैन्य साजो सामान होंगे तो यूनिकनेस यानी विशिष्टता और सरप्राइज यानी अचानक आक्रमण नहीं कर सकते हैं. इसलिए देश में स्वदेशी हथियारों का निर्माण बेहद जरूरी है. उन्होंने रक्षा-क्षेत्र में प्राइवेट इंडस्ट्री का भी स्वागत किया. पीएम ने कहा कि सुरक्षा का मूल सिद्धांत कहता है कि अपना सिस्टम (सैन्य उपकरण) होना चाहिए.

दूसरे विश्व युद्ध में भारत के हथियारों की अहम भूमिका – पीएम 

प्रधानमंत्री ने देश में डिफेंस इंडस्ट्री पर बोलते हुए कहा कि गुलामी के दौरान और आजादी के बाद भी डिफेंस इंडस्ट्री की ताकत बहुत ज्यादा थी. दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन बाद में ये ताकत कम होती गई. उन्होंने कहा, लेकिन ये दिखाता है कि हमारे देश में क्षमता की कमी नहीं है. पीएम ने साफ तौर से कहा कि जब विदेश से अस्त्र-शस्त्र आते हैं तो प्रक्रिया बहुत लंबी होती है. जब तक सेनाओं के पास हथियार पहुंचते हैं वे आउटडेटेड हो जाते हैं. उन्होनें कहा कि पहले जमाने में युद्ध के लिए हथियार और दूसरे साजो सामान दशकों तक चलते थे. लेकिन अब देखते ही देखते जल्द आउटडेटेड हो जाते हैं. पीएम ने कहा कि इसका समाधान भी ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया’ में ही है.

पीएम मोदी ने कहा कि, हाल ही में ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का कॉरपोरेटाइजेशन किया गया था और उसके परिणाम भी देखने को मिलने शुरू हो गए हैं. हाल ही में एक फैक्ट्री को एक्सपोर्ट ऑर्डर भी मिलें हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात सालों में डिफेंस एक्सपोर्ट में छह गुना वृद्धि हुई है. मेक इन इंडिया पिछले 7 सालों में 350 इंडस्ट्रियल लाइसेंस दिए गए, जबकि 2001-14 के बीच मात्र 200 दिए गए थे. डिफेंस आर एंड डी के लिए बजट रखा गया. जल्द ही तीसरी निगेटिव लिस्ट भी आने वाली है.

पिछली सरकारों पर धांधली के आरोप 

पीएम ने पुरानी सरकारों के दौरान हथियारों के सौदों में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि, पहले हथियारों के खरीद में विवाद होता था. कॉम्पिटिशन के कारण कंपनियां एक दूसरे के हथियारों को नीचा दिखाने की कोशिश होती थी. भष्ट्राचार के मामले भी सामने आते थे. कॉरपोरेट वर्ल्ड की लड़ाई भी शामिल होती है. लेकिन आत्मनिर्भरता से ये सब नहीं होगा. उन्होंने बताया कि इस साल रक्षा बजट में करीब 70 प्रतिशत स्वदेशी कंपनियों के लिए रखा गया है. पीएम ने कहा कि भारत की जो आईटी की ताकत है, वो हमारा बहुत बड़ा सामर्थ्य है. इस ताकत को हम अपने रक्षा क्षेत्र में जितना ज्यादा इस्तेमाल करेंगे, उतनी ही सुरक्षा में हम आश्वस्त होंगे. जैसे सायबर सेक्योरिटी अब सिर्फ डिजिटल वर्ल्ड तक सीमित नहीं रह गई है. ये राष्ट्र की सुरक्षा का विषय बन चुका है. आज स्पेस और ड्रोन सेक्टर में प्राईवेट इंडस्ट्री के लिए जगह बनाई गई है.

सत्ता में आने से पहले का जिक्र करते हुए पीएम ने बताया कि, एक बार वे पाकिस्तान से सटे वाघा बॉर्डर गए थे. उस दौरान एक जवान ने उन्हें बताया था कि भारत का गेट पाकिस्तान के गेट से छोटा है. ऐसे में भारत का गेट और वहां लगा झंडा पाकिस्तान से बड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में बने सामानों के लिए सैनिकों के मन में एक अलग स्वाभिमान होता है.

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