बैन के बाद रूस ने US से लिया बदला, दिया ये बड़ा झटका; कहा- उन्हें झाडू पर उड़ने दो…

वॉशिंगटन।। रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 9वें दिन युद्ध जारी है और रूस के सैन्य अभियान से यूक्रेन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसके बाद कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसके जवाब में अब रूस ने अमेरिका पर पलटवार किया है और बड़ा झटका दिया है. रूस ने अमेरिका को रॉकेट इंजनों (Rocket Engines) की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने यह जानकारी दी.

उन्हें झाडू पर उड़ने दो: रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख

दिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने रूसी टेलीविजन पर कहा, ‘इस तरह की स्थिति में हम दुनिया के संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को हमारे द्वारा बनाए जा रहे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रॉकेट इंजनों (Rocket Engines) की आपूर्ति नहीं कर सकते हैं. उन्हें झाडू या किसी और चीज पर उड़ने दो.’

रूस ने अब तक दिए हैं 122 इंजन

दिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) के अनुसार, रूस ने 1990 के दशक से अब अमेरिका को कुल 122 आरडी-180 इंजन (RD-180 Engines) दिए हैं, जिनमें से 98 का उपयोग एटलस को लॉन्च के लिए बिजली देने में किया गया है. उन्होंने कहा कि रोस्कोस्मोस उन रॉकेट इंजनों की सर्विसिंग भी बंद करेगा, जो पहले अमेरिका को दिए गए हैं. अमेरिका में अभी भी 24 इंजन हैं, जिन्हें अब रूसी तकनीकी सहायता नहीं दी जाएगी.

यूरोप के साथ सहयोग नहीं करेगा रूस

रूस ने इससे पहले कहा था कि वह यूक्रेन पर पश्चिमी प्रतिबंधों के जवाब में फ्रेंच गुयाना के कौरो स्पेसपोर्ट से अंतरिक्ष प्रक्षेपण पर यूरोप के साथ अब सहयोग नहीं करेगा. इसके साथ ही रूस ने ब्रिटिश सैटेलाइट कंपनी वनवेब से गारंटी की भी मांग की है कि उसके उपग्रहों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा. रोगोजिन ने कहा कि रूस अब रोस्कोस्मोस रक्षा मंत्रालय की जरूरतों के अनुरूप दोहरे उद्देश्य वाले अंतरिक्ष यान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

मॉस्को ने ब्रिटिश सैटेलाइट कंपनी वनवेब से गारंटी की भी मांग की है कि उसके उपग्रहों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा. ब्रिटिश सरकार की हिस्सेदारी वाली वनवेब ने गुरुवार को कहा था कि वह कजाकिस्तान में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सभी लॉन्च को निलंबित कर रही है. रोगोजिन ने कहा कि रूस अब रोस्कोस्मोस और रक्षा मंत्रालय की जरूरतों के अनुरूप दोहरे उद्देश्य वाले अंतरिक्ष यान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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