CG में अनोखी शादी- जब बैलगाड़ी से निकली रुपेश की बारात…बैलगाड़ी ऐसे सजी जहाँ फिकी रही आधुनिक कारें…देखने जुट गई लोगों की भीड़..

छत्तीसगढ़ धमतरी….अनोखी बारात निकली। जिसे देखने के लिए गांव के लोग उमड़ पड़े….लोग पुरानी परंपरा को कायम करने के लिए दूल्हा ने यह फैसला लिया। जिसमें खुशी-खुशी परिवार वालों भी शामिल हुए…..

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दुल्हे की दोस्तों व ग्रामीणों ने दी प्रेरणादायक कार्य को अंजाम….

जिले के वनाँचल क्षेत्र में देखने को मिला अनोखी शादी,जब दुल्हे ने अपनी दुल्हन को लेने बारात में बैलगाड़ी को साधन चुना, धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन 55 कि.मी.की दूरी पर वनाँचल से घिरा ग्राम सिरकट्टा निवासी रुपेश मरकाम ने अपने वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान बैलगाड़ी में सवार होकर जब पाँच कि.मी.की दूरी तयकर दुल्हन के ग्राम कौव्हाबाहरा,छिन्दपारा में टेकाम परिवार के घर पहुंचे तो ग्रामीणों के लिए कोतुहल का अनोखा विषय बना। आधुनिक युग में ऐसा अनोखी सोच का क्षेत्रवासियों ने शाबासी दी।वहीं दुल्हे की बारात के लिए प्राकृतिक संसाधनों से सजाई दो बैलगाड़ियाँ जिनके सामने लक्शरी कारें भी फिकी रही…

इस आधुनिकता से भरे और दिखावे की इस दौर में लोग शानो शौकत के साथ मंहगी कारों में बैठकर दुल्हन के घर पहुँचना पसंद करते हैं।आज के बदलते दौर में शादी समारोह बेहद खर्चीले और अधिकतर दिखावे से भरे होते हैं जिसमें न किसी को मंहगाई की चिंता रहती है और न ही पर्यावरण की,और न ही अपनी परंपरा और संस्कृति की, इन सब बातों को दरकिनार करते हुए मगरलोड ब्लॉक के आखिरी छोर में बसे ग्राम सिरकट्टा निवासी रुपेश मरकाम ने आज के नई सोच के नौजवानों के लिए,अपनी समाज के लिए अपनी विवाह के दौरान बारात में बैलगाड़ी से सवारी कर बहुत बड़ा संदेश सादा जीवन उच्च विचार के रूप में दिया जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।

 

आधुनिकता की इस युग में अपनी पुरातन संस्कृति को लोग भुलते जा रहे हैं वहीं रुपेश मरकाम आदिवासी समाज से हैं जिनका कहना है अपने पुर्वेर्जों के दौर में आदिवासी समाज में प्राकृतिक सौंदर्य को सामाजिक कार्यक्रमों में सहेजकर उपयोग में लाते रहे हैं प्रकृति और पर्यावरण से हमेशा प्रेम करते रहे हैं……जिनको आज भी सहेजने की सोच उस परिवार और ग्रामीणों की एक अच्छी पहल है।वहीं इस प्रेरणादायक सोच में दुल्हे के परिवार,मित्र और ग्रामीण गोपेश नेताम,नंदकुमार वट्टी, चिन्ताराम कुंजाम,नुकेश नेताम,ओमप्रकाश नेताम,समाज प्रमुख वैदसिंह नेताम,रामजी नेताम,अघनुराम मंण्डावी,श्यामाचरण मंण्डावी,सुकचंद मानिकपुरी ने भी बड़चढ़कर हिस्सा लेकर सहयोग किया।

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