CG बदहाल सड़कों पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मांगी माफी..और कहा कि

छत्तीसगढ़ की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हाईकोर्ट में शपथ पत्र के साथ माफी मांगनी पड़ी है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान शपथ पत्र देने के बावजूद NHAI ने काम पूरा नहीं किया। NHAI ने कोर्ट को बताया कि बिलासपुर-रायपुर मार्ग पर ओवरब्रिज का काम पूरा हो गया है। यहां 7 जुलाई से यातायात शुरू हो जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश की 32 सड़कें खराब है, जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने प्रदेश की बदहाल सड़कों को लेकर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है। इस दौरान डिवीजन बेंच ने सड़कों की हालत सुधारने के निर्देश भी दिए। हालांकि अभी तक NHAI और राज्य शासन ने सड़कों को सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है। न्यायमित्रों ने बिलासपुर शहर के साथ ही प्रदेश की सड़कों का हाल देखा। इसके आधार पर उन्होंने 32 सड़कों को चिन्हित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जहां सड़क जर्जर है और इसकी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं।

प्रदेश में बदहाल हैं 32 सड़कें

बिलासपुर नगर निगम के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों में बिलासपुर-रतनपुर-रतनपुर बाइपास, बेलतरा-कटघोरा, रतनपुर-सिल्ली-पाली, मुंगेली-पंडरिया, बिल्हा-बरतोरी, सीपत-झलमला,बिलासपुर सीपत रोड, मस्तुरी से पामगढ़, लोरमी-खुड़िया डेम, पंडरिया-कवर्धा, लोरमी-खाम्ही, तमनार कोल माइन रोड, शिवरीनारायण-भटगांव-सरसिंवा-सारंगढ़, जांजगीर चांपा से बाराद्वार व जांजगीर शहर, रायगढ़-खरसिया-डभरा, छाल से धरमजयगढ़, हाटी-धरमजयगढ़-पत्थलगांव, रायगढ़-धरमजयगढ़, लुडेग-कुनकुरी, अंबिकापुर-बतौली-सीतापुर, अंबिकापुर जिला अस्पताल से बिलासपुर चौक मार्ग, अंबिकापुर-धनवार बैरियर उत्तरप्रदेश सीमा, अंबिकापुर शहर, विश्रामपुर-कटघोरा, बैंकुंठपुर-छिंदडांड, रायपुर-भिलाई, सिलतरा-उरला-भनपुरी, डबरापारा भिलाई, दुर्ग-विनायकपुर, बांसा-गढ़फुलझार महासमुंद, कांकेर-केशकाल की सड़क शामिल है।

नेशनल हाईवे का काम धीमा

चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में अब तक नेशनल हाईवे के रायपुर-बिलासपुर स्थित पेंड्रीडीह बाइपास और सेंदरी मोड़ की सड़क पर ही सुनवाई हो पाई है। राज्य की दूसरी सड़कों की स्थिति पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग व सड़क निर्माण एजेंसी ने हाईकोर्ट के आदेश पर सड़कों का मेंटेनेंस भी नहीं कराया है। बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रकरणों को 18 जुलाई को सुनवाई के लिए रखा है।

प्रदेश भर की सड़कों का हाल भी पूछा

न्यायमित्रों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नगर निगम ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में सड़कों का बुरा हाल है। लिहाजा, हाईकोर्ट ने बदहाल सड़कों को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित में सुनवाई शुरू की है। इस मामले में कोर्ट ने नेशनल हाइवे और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को नोटिस जारी किया था। न्यायमित्रों ने प्रदेश की खराब सड़कों की रिपोर्ट भी हाईकोर्ट को सौंपी है। जिसे रिकार्ड में लिया गया है। कोर्ट ने NHI के साथ ही राज्य सरकार से फोटोग्राफ्स सहित स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।

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