CG ग्राम पंचायत चंदौरा का सार्वजनिक शौचालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, पंचायत की राशि किसी की निजी संपत्ति नहीं

सुरजपुर जिले के जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा में बना सार्वजनिक शौचालय का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। लाखों रुपए कि लागत से बना यह शौचालय बिलकुल भी उपयोग के लायक नहीं दिख रहा। शौचालय का टॉयलेट और नहानी घर दोनों ही सफाई के अभाव में कचराखाना बने हुए हैं। तथा जब से यह बना है तब से बंद पड़ा है। बता दें कि शौचालय को आबादी से काफी दूर बनाया गया है जो बस्ती के भीतर जाने वाली कच्ची सड़क पर स्थित है। यदि भविष्य में इस शौचालय को उपयोग के लायक बना भी दिया जाए तो पंचायत को इससे कोई आमदनी होगी यह कहना मुश्किल है। एक ग्रामीण ने कहा कि यदि शौचालय को चंदौरा हाइवे रोड (बनारस रोड) के किनारे बन रहे धान संग्रहण केंद्र के पास बनाया जाता तो इससे पंचायत को काफी लाभ मिलता क्योंकि इस रोड पर दिन रात गुजरने वाले सैकड़ों वाहन सवार इसका उपयोग करते और उपयोग करने के एवज में एक निर्धारित राशि का भुगतान करते जिससे पंचायत की आमदनी बढ़ती। साथ ही पूरे देश में चलाए जा रहे स्वक्षता अभियान को भी बल मिलता। पर फिलहाल तो यहां बना शौचालय केवल बाहर से ही शौचालय नजर आता है मगर भीतर देखने पर इसमें शौचालय जैसी कोई बात नजर नहीं आती। शौचालय में लगी सीट भी उपयोग के लायक नहीं है। तथा शौचालय के भीतर पानी की भी व्यवस्था नहीं है क्योंकि पानी की सप्लाई के लिए अभी तक शौचालय के ऊपर टंकी नहीं लगाई गई है जबकि शौचालय के बगल में ही बोरवेल खनन का कार्य भी कराया गया है। अब यदि इस सार्वजनिक शौचालय से हटकर चंदौरा के ग्रामीणों के घरों में बने शौचालयों कि बात करें तो उनमें से कुछ शौचालय तो उपयोग के लायक हैं पर कुछ शौचालयों का ग्रामीण उपयोग नहीं करते क्योंकि उनमें से किसी का दरवाजा टूटा हुआ है तो किसी की सीट उखड़ी हुई है। इधर चंदौरा पारा के एक ग्रामीण निरंजन जायसवाल ने बताया कि उसने पंचायत के कहने पर शौचालय योजना के तहत स्वयं की राशि से अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया था पर अब बार बार मांगने के बाद भी उसे पंचायत के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों द्वारा शौचालय निर्माण के लिए निर्धारित बारह हजार रुपए नहीं दिए जा रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा चंदौरा पंचायत में शौचालयों के निर्माण कार्य में जमकर गड़बड़ी करने की बाते बताई जा रही है। वहीं सेम‌ई पारा के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उनके घरों में अभी तक पंचायत द्वारा शौचालय निर्माण नहीं कराया गया है।IMG 20220803 WA0002 696x522 2 console corptech

पंचायत की राशि किसी की निजी संपत्ति नहीं – कुछ ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर कहा कि वे भी सरकार को किसी न किसी रूप में टैक्स देते हैं और सरकार द्वारा उसी टैक्स कि राशि को विकास कार्यों के लिए पंचायतों के खातों में भेजा जाता है। मगर बड़े ही अफसोस का विषय है कि सरपंच और सचिव उस राशि को अपनी निजी संपत्ति मानकर मनमाने तरीके से बंदरबांट करने में लग जाते हैं जिसके कारण गांव का विकास धरातल पर न होकर केवल कागजों में ही सिमटकर रह जाता है।

सार्वजनिक शौचालय बनाने से पूर्व सर्वे क्यों नहीं – कुछ ग्रामीणों का कहना था कि इस सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराने से पूर्व गांव के लोगों के बीच जाकर सर्वे कर यह पता कर लेना चाहिए था कि गांव के लोग इस सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करेंगे या नहीं किंतु ऐसा न करते हुए सरकारी राशि का दुरुपयोग कर बिना काम का शौचालय बना दिया

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