बेरहमी की सारे हद की पार ! कोतवाली में किशोर को पट्टे और डंडे से पीटा; प्राइवेट पार्ट में डाल दिया पेट्रोल
यूपी के बस्ती में पुलिस पर बेरहमी की हदें तोड़ देने का आरोप लगा है। आरोप है कि एक किशोर को पूछताछ के नाम पर कोतवाली में पट्टे और डंडे से पीटा गया और उसके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया गया।
यूपी के बस्ती पुलिस पर बेरहमी की हदें तोड़ देने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पूछताछ के लिए पुलिस ने एक किशोर को कोतवाली ले जाकर पट्टे और डंडे से बुरी तरह पीटने के बाद उसके गुप्तांग में पेट्रोल डाल दिया। पीड़ित किशोर के पिता ने डीआईजी और एसपी बस्ती से मामले की शिकायत की। वहीं, किशोर के बयान का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी आशीष श्रीवास्तव ने जिले की स्वॉट टीम को भंग कर दिया है। पूरे मामले की जांच एएसपी दीपेन्द्र नाथ चौधरी को सौंपी गई है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि उनके 16 वर्षीय पुत्र को गत 25 जुलाई को कोतवाली व एक स्पेशल टीम पूछताछ के लिए घर से रात दो बजे उठाकर ले गई। प्रार्थी को पुलिसकर्मी आश्वासन दे रहे थे कि जांच चल रही है। पूछताछ कर कुछ देर में छोड़ देंगे। उन्होंने इस घटना की सूचना फैक्स के जरिए 30 जुलाई को एसपी को दी। उनके अनुसार उसी दिन शाम छह बजे कोतवाली की सदर अस्पताल पुलिस चौकी पर बेटे को सुरक्षित पाने का सुपुर्दनामा लेकर छोड़ दिया। उनका आरोप है कि कोतवाली पुलिस व स्वॉट टीम ने बेटे के शरीर पर अंदरूनी व गंभीर चोट पहुंचाई। 30 जुलाई को ही बेटे को जिला अस्पताल बस्ती में भर्ती कराया। इन चोटों का इलाज दिल्ली में ही संभव है। पीड़ति ने आरोपी पुलिसर्किमयों पर कार्रवाई की मांग करते हुए बेटे के इलाज के लिए धनराशि उन्हीं से दिलाने की मांग की।
रात भर कोतवाली में पीटते रहे
कक्षा सात में पढ़ने वाले पीड़ति किशोर के बयान संबंधी 58 सेकंड के वायरल वीडियो में उसने कोतवाली पुलिस और स्पेशल टीम पर गंभीर आरोप लगाया है। बताया है कि घर से उसे कोतवाली ले जाया गया और पट्टे, डंडे से पीटा गया। पूरी रात पीटते रहे। चोरी करने के बारे में पूछा जा रहा था। हाथ पर ब्लेड से काटा गया। मना करने पर उसके गुप्तांग में पेट्रोल डाला गया।
24 घंटे से अधिक नहीं रख सकते हैं थाने पर
अभी बमुश्किल दो माह पूर्व ही एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार ने लालगंज चौकी पर तैनात सभी पुलिसर्किमयों को इसलिए सस्पेंड कर दिया था कि उन्होंने एक आरोपी को 24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस चौकी पर बैठा रखा था। कानूनन किसी भी आरोपी को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट/ न्यायालय के सामने पेश करना होता है। नाबालिग आरोपियों के मामले में और सख्त नियम हैं। लेकिन यहां पीड़ति पिता के मुताबिक उनके बेटे को 25 जुलाई की रात उठाया गया और पांच दिन तक थर्ड डिग्री टार्चर देने के बाद 30 जुलाई को सुपुर्दगीनामा लेने के बाद कोतवाली पुलिस ने छोड़ा। पिता ने न्याय की मांग की है।