CG महिला के पास पर्ची कटाने के भी नहीं थे पैसे, तो सरकारी अस्पताल में नहीं किया इलाज, रोती-बिलखती लौटी, फिर महिला T.I. ने समझा गरीब का दर्द, कराई भर्ती, दिखाये कड़े तेवर, जाँच के बाद सभी दोषियों पर गिरेगी गाज

गंभीर हालत में महिला पहुंची थी अस्पताल लेकिन रुपए नहीं होने पर इलाज करने से कर दिया गया मना, महिला टीआई ने पीडि़ता को अस्पताल में कराया भर्ती, अधिकारियों तक मामला पहुंचा तो उन्होंने जांच के बाद सख्त कार्रवाई की कही बात.

 प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराने आई महिला के पास ओपीडी शुल्क नहीं होने पर उसका इलाज नहीं किया गया। इस पर रोती-बिलखती महिला नगर के राजघराना चौक पर पहुंची। इसकी जानकारी मिलने पर प्रतापपुर थाना प्रभारी ने पुलिस के वाहन से महिला को अस्पताल भेजकर उसका इलाज कराया। गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक व कर्मचारियों की विवादित कार्यशैली का खामियाजा मरीजों व उनके परिजन को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लापरवाह कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में रहता है। अभी हाल ही में एक मृत व्यक्ति के शव के पीएम के लिए परिजन से 1 हजार रुपए वसूलने का मामला सामने आया था। अब एक बीमार महिला का उपचार नहीं करने का मामला सामने आया है।

बलरामपुर जिले के चलगली निवासी 35 वर्षीय अलका मिंज पति स्व. अरुण मिंज प्रतापपुर मेहमानी में आई थी। उसकी तबियत बिगडऩे पर शुक्रवार को वह इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर पहुंची। लेकिन उसके पास ओपीडी में इलाज कराने के लिए रुपए नहीं थे।

महिला द्वारा काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों व कर्मचारियों ने उसकी एक न सुनी व इलाज नहीं किया। थक हार कर महिला रोती बिलखती राजघराना चौक तक पहुंची। यहां महिला को बिलखता देख लोगों की भीड़ लग गई। किसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी।

इस पर थाना प्रभारी नीलिमा तिर्की ने महिला को पुलिस वाहन से अस्पताल भेजकर उसका इलाज कराया। वहीं नगरवासियों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ द्वारा मरीजों से दुव्र्यवहार किया जाता है।

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