पति के टॉर्चर से परेशान पत्नी ने की आत्महत्या, पापा ना मारो मम्मा नू, पर न्ही सुनते थे

पापा ना मारो मम्मा नू (पापा मां को मत मारिए)। 32 साल की मंदीप कौर को बेरहमी से मार रहे उसके पति रनजोधबीर सिंह को उनकी बेटियां अपनी मां को मारने से रोकने की कोशिश कर रही है। लेकिन उन छोटे हाथों में इतनी ताकत कहां कि वह क्रूर इंसान को रोक पाए। बच्चियों की चीखें हवा में गूंजती रह गई और वह दरिंदा मंदीप को मारता रहा। वहशी रनजोधबीर मंदीप को लगभग हर रोज मारता था। आखिर कबतक वह इसे बर्दाश्त कर पाती। बार-बार की मारपीट से परेशान मंदीप ने आखिरकर जीवन को खत्म करने का बड़ा फैसला ले लिया। उसकी मौत ने भारत से लेकर अमेरिका तक को हिला दिया है। अब मंदीप को न्याय के लिए ऑनलाइन मुहिम चल रही है। लड़का पैदा नहीं किया, इसलिए भी पिटाई

बिजनौर की रहने वाली मंदीप 2018 से अमेरिका के न्यूयॉर्क में रह रही थी। 32 साल की मंदीप को लड़का पैदा नहीं करने के लिए उसका पति लगातार मारता रहता था। यही नहीं मंदीप को खूब सारा दहेज नहीं लाने के कारण भी रनजोधबीर सिंह उसे मारता रहता था।1 अगस्त का अंतिम वीडियो

मंदीप ने 1 अगस्त को अपने पिता को आखिरी वीडियो भेजा था। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि अब वह इस मारपीट को नहीं झेल सकती है। उन्होंने कहा कि रोजाना मारपीट को बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया है। आखिरकार दो बेटियों की मां ने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया। अपने आखिरी मैसेज में मंदीप ने लिखा था, ‘मेरा पति मुझे लगातार मारता है। उसके कई महिलाओं से संबंध हैं। मेरे पिता ने उसके खिलाफ भारत में केस दर्ज किया था लेकिन उसने मेरे सामने हाथ जोड़कर खुद को बचाने की गुहार लगाई और मैंने ऐसा ही किया। पहले मुझे लगा कि वह धीरे-धीरे बदल जाएगा लेकिन उसकी ज्यादतियां बढ़ती गईं। मैं अब इसे और ज्यादा नहीं झेल सकती। मैं खुद को मारने जा रही हूं। मुझे माफ कर देना पापा।’ बाप से मां को न मारने की गुहार

सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि रनजोधबीर सिंह मंदीप को पीट रहा है और उनकी बेटियां पापा से मां को नहीं मारने की गुहार लगा रही हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में बेटियां पंजाबी में बोल रही हैं, पापा, ना मारो मम्मा नू’।

वीडियो के बाद गुस्सा – मंदीप के वीडिओ के बाद भारत से लेकर अमेरिका तक में लोगों में गुस्सा है। कौर मूवमेंट के नाम से इस वीडियो को लगातार शेयर किया जा रहा है। खास तौर पर सिखों के खिलाफ सेक्सुअल और घरेलू हिंसा के खिलाफ काम करने वाले एक संगठन ने ऑनलाइन मुहिम चलाते हुए जस्टिस फॉर मंदीप के नाम से अभियान छेड़ दिया है।

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