धमतरी – दुगली वन परिक्षेत्र में हुआ तेंदुए का शिकार, तेंदुए के चारों पंजे काटकर ले गय..!!
धमतरी वन मंडल की दुगली वनपरिक्षेत्र में एक बार फिर दुर्लभ वन्यप्राणी तेंदुए का शिकार अज्ञात लोगों ने किया है।मृत तेंदुआ सफेद काले बुंदी रंग में था तकरीबन तीन से चार साल उम्र का नर तेंदुआ था।जिसे शिकार का अंदेशा लगाया जा रहा है।मामला दुगली वनपरिक्षेत्र की कक्ष क्रमांक 259 दिनकरपुर परिसर का है।जानकारी अनुसार दुगली सिंगपुर मार्ग से लगा हुआ कक्ष क्रमांक परिक्षेत्र कार्यालय से तकरीबन तीन सौ मी.की दुरी के साथ मुख्य मार्ग से 20 फिट की दूरी में सफेद काले बुंदी तेंदुए का,चारो पंजे कटे अवस्था के साथ मृत अवस्था में मिले।वहीँ दुर्लभ वन्य प्राणी की शव मिलने से शुक्रवार को दुगली वन परिक्षेत्र में हड़कंप मच गया।विभागीय कर्मचारियों से जानकारी अनुसार गुरुवार को दुगली के पालतू पशु चरवाहे जब शाँम को मवेसियों को लेकर वापस लौट रहे थे तभी जंगल में मृत तेंदुए पर नजर पड़ी।जिनकी जानकारी सुबह सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मंशाराम साहू को दिए जहाँ मौके पर विभागीय मुआयना करने पर दुर्लभ वन्यप्राणी मृत अवस्था में पाया गया।तत्काल परिक्षेत्र अधिकारी एन.के.बरिहा को सुचना पहुँचाने पर विभागीय जिला अधिकारी को घटना से अवगत कराया गया ।कछ साल पहले दुगली वन परिक्षेत्र में 2017 में भी एक लाल काले रंग के तेंदुए की मौत हुई थी वह स्वभाविक मौत थी मगर वर्तमान की घटना जंगली जानवर की शिकार स्पष्टता से नजर आ रही है।क्योंकि तेंदुए की चारों पंजे कटे स्थिति में विभाग ने बरामद किए हैं।वहीं मौके पर पहुंचे आई.एफ एस.अंडर ट्रेनिंग अधिकारी ग्रीष्मी चाँद ने घटना को मौके मुआयने पर शिकार के रूप में स्वीकार किया।साथ ही घटना की जाँच जारी बताए और पीएम रिपोर्ट आने पश्चात वास्तविकता की खुलासा होगी कही ।वहीं वन विभाग के विभागीय अधिकारी कर्मचारीयों के लिए जिले के दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों का शिकार होना एक तरह से चिंता का विषय बना हुआ है।वहीं वन्य प्राणियों को संरक्षित रखने प्रशासन व्दारा कई सारी योजनाएं बनाया जाता रहा है,कुछ हद तक उन योजनाओं में विभाग सफल भी हुए हैं मगर वन्यजीवों की शिकार होने से,रोक नहीं लग पाना विभागीय कर्मचारियों पर भी प्रश्न चिन्ह लगती है।आखिर कब जिले के वन्यप्राणी सुरक्षित होंगें संरक्षित होंगें और वन्यप्राणीयों को शिकार होने से कैसा संरक्षित किया जा सकता है।मौके पर पहुंचे एसडीओ हरिश पाँडे ने भी स्वीकार किया है शिकार हुआ है मृत शरीर से चारोँ पंजे नदारद होना कहीं न कहीं शिकार को स्पष्ट करती है।दोनो ही पक्षों से या तो शिकार करने उपरांत,या मृत तेंदुए का पंजे काटकर ले जाने की स्थिति में वन्यप्राणी शिकार का अंदेशा लगाए हैं और प्रारंभिक अपराध दर्ज कर जाँच जारी बताए।फिर हाल वन्यप्राणी की मृत शरीर की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी कर पीएम पश्चात नष्ट कर दिया गया है और जाँच जारी बताया गया है।और फिर हाल शिकार करने वाले अज्ञात हैं।कार्यवाही के दौरान वन अमला दुगली परिक्षेत्र अधिकारी एन.के.बरिहा, सहायक परि.अधि.मंशाराम साहू दुगली,एरावत सिंह मधुकर देवगांव,संदीप सोम जबर्रा,खण्ड पशु चिकित्सक डाँ.प्रहलाद कुमार लाऊत्रे,डाँ.अमीत नागेश,वनरक्षक थामेश्वरी ध्रुव,संजय मरकाम,मनेश यादव सहित वनकर्मी मौजूद रहे।