कोरिया – निर्जला उपवास रखकर महिलाओं ने मनाया हरतालिका तीज..!!

कोरिया जिले में भी महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर मनाई हरतालिका तीज त्योहार पति के लिए मांगी लंबी उम्र के साथ सुख समृद्धि की कामना ।

आपको बता दें कि अखंड सौभाग्य वरदान प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रख रही है सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज के त्यौहार का विशेष महत्व है इस चीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं तीज की शाम के समय महिला सिंगार करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती है , हरतालिका तीज पर रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ।IMG 20220830 WA0054 console corptech

अन्न-जल ग्रहण करना वर्जित – हरतालिका तीज का व्रत बेहद ही कठिन माना जाता है और इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत में भोजन ही नहीं, बल्कि फल व पानी का भी सेवन नहीं किया जाता। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है और तभी कुछ ग्रहण किया जाता है। IMG 20220830 WA0049 console corptech

आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और इसी तिथि पर हर वर्ष हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सुंदर वस्त्र-आभूषण पहन कर मिट्टी या बालू से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं। पूजन में सुहाग की सभी सामिग्री को एकत्रित कर थाली में सजाकर माता पार्वती को चढ़ाना गया ।नैवेध में भगवान को घेवर, खीर पूरी,हलुआ और मालपुए से भोग लगाकर प्रसन्न भी किया गया।तत्पश्चात तीज माता की कथा सुनी गई।

हिंदू धर्म में तीज के पर्व का विशेष महत्व होता है। तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष आराधना की जाती है। उत्तर भारत में तीज के त्योहार को विशेष और भव्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं विशेष रूप से पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। आज हरतालिका तीज पर्व मनाया जा रहा है। 

 भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर ही माता पार्वती की सखी सहेलियों ने उनके पिता के घर से हरण करके जंगल में भगवान शिव की उपासना करने के लिए लेकर गईं थीं। जहां पर माता पार्वती ने कठोर तप करते हुए भगवान शिव को पति के रूप में पाया था।

हरतालिका तीज की पूजा के लिए उत्तम मुहूर्त – हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और जीवन में सुख-सुविधा और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हरतालिका तीज पर प्रदोष काल में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में आज शाम को 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की गई ।

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