Cg Breaking – फुट फुट कर रोय किसान.. ग्रामीणों का आक्रोश देख लौटे अफसर.. एप्रोच रोड बहा..जाने पूरी घटना

नदी पर बना एनीकट का एप्रोच रोड बहा, अपने फसल लगे खेत को नदी में समाते देख रो पड़े किसान…

राजनांदगांव/ डोंगरगांव – जल संसाधन विभाग के अफसरों की लापरवाही से मंगलवार को डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम दर्री में शिवनाथ नदी पर बना एनीकट का एप्रोच रोड बह गया। इससे नदी की दिशा बदल गई है और कटाव बढ़ने से किनारे में स्थिति लगभग 8 एकड़ का रकबा नदी में समा गया। खेतों में धान की फसल ली गई थी।

पूरी फसल तबाह होता देखकर मौके पर मौजूद किसानों की आंखों में आंसू आ गए। किसानों का कहना है कि जल संसाधन विभाग की ओर से दर्री एनीकट का गेट नहीं खोले जाने की वजह से ही पानी का दबाव बढ़ा और एक साइड से कटाव बढ़ता गया जो कि खेतों को भी चपेट में ले लिया। इससे भारी नुकसान हो गया है। तेज बहाव के बीच कटाव बढ़ने की खबर मिलते ही जल संसाधन विभाग के ईई जीडी रामटेके अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे।

ईई के पहुंचने पर किसानों ने बताया कि माहभर पहले भी तेज बहाव होने पर एनीकट का कुछ हिस्सा बह गया था। इसके बाद भी मरम्मत की ओर ध्यान दिया गया और ना ही बाढ़ आने के पहले गेट खोले गए। इस कारण से अब भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि मोंगरा बैराज का गेट खोले जाने के बाद से नदी में पानी का बहाव तेज होता गया। जल स्तर बढ़ने के साथ ही लगभग 11 बजे एनीकट का एप्रोच रोड वाला हिस्सा तेजी के साथ बह गया। इसके बाद नदी की दिशा ही बदल गई और सीधे खेतों की ओर से पानी का बहाव बढ़ने लगा। किसानों ने बताया कि देखते ही देखते 8 से 10 एकड़ का रकबा शिवनाथ नदी में समा गया। धान की पूरी फसल ही बह गई। इस कटाव से नदी की दिशा बदल गई है और आने वाले समय में और भी नुकसान होगा।

ग्रामीणों का आक्रोश देख लौटे अफसर – धान की फसल के साथ खेतों की तबाही होने से प्रभावित किसानों में रोष है। पूरे गांव के लोग नदी किनारे एकत्रित हो गए थे और लगातार मुआवजा देने की मांग करने लगे। ग्रामीणों के रोष को देखते हुए अफसरों ने मुआवजा का आश्वासन दिया और लौट गए। किसान क्षेत्र के विधायक को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। बारिश होने के बाद भी प्रभावित किसान और ग्रामीण नदी किनारे डटे रहे।

किसानों का कहना था कि नदी के कटाव के चलते धान की फसल तबाह होने के साथ खेत भी नहीं बचे। किसानों की शिकायत है कि निर्माण में गुणवत्ता का पालन नहीं किया गया। किसानों ने कहा कि एनीकट निर्माण के दौरान ही गुणवत्ता और इसकी दिशा को लेकर आपत्ति की गई थी पर अफसरों ने शिकायत को नजरअंदाज किया।

Leave a Reply