शख्स के सिर पर था खून सवार..जानें अंधविश्वास में बलि और फंदे की स्टोरी

कोरबा। गांव की सुख समृद्धि के लिए ग्रामीणों के साथ पूजा अर्चना कर घर लौटते ही युवक की मानसिक स्थिति बिगड़ गई. वह पूरी रात चीखता चिल्लाता रहा. उसने सुबह होते ही 3 वर्षीय मासूम को उठाकर जंगल की ओर ले गया. परिजन खोजबीन करते जंगल पहुंचे तो युवक मासूम के गले में हसिया अड़ाकर बैठा मिला. वह बार-बार मासूम की बलि देने की बात कह रहा था. किसी तरह परिजनों ने हाथ पैर जोड़कर मासूम की जान बचाई. इसके कुछ घंटे बाद युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के बाद गांव में सनसनी फैली हुई है.

गांव के पास जंगल में चला गया. इसकी जानकारी जब परिजनों को हुई तो हड़कंप मच गया. ग्रामीण आक्रोशित हो गए. जंगल जा कर देखा कि होरी लाल मासूम बच्ची के गले में हसिया लेकर बलि की बात कहकर चिल्ला रहा था. सभी ने हाथ पांव जोड़ा और जैसे तैसे उसे मना कर मासूम की जान मचाई.

होरी लाल उसके बाद गांव के महिला सरपंच रूपेश्वरी के घर घुस गया. हंगमा करने लगा. मना करने पर उसने उसकी सास 60 वर्षीय ललिता बाई के पत्थर से हमला कर घायल कर दिया. इसकी सूचना रजगामार चौकी पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक होरी लाल खुद को सरपंच के घर एक कमरे में बंद कर लिया. फांसी पर लटक गया. पुलिस कमरा का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी. पंचनामा कार्रवाई कर शव को नीचे उतारा. पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि सूचना मिलने पर टीमें रवाना की गई थी. युवक ने खुद को कमरे में बंद कर दिया था. पुलिस पहुंची तो उसका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला. जांच कार्रवाई की जा रही है.

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