CG Breaking बीईओ ने बीआरसी और अकाउंटेंट के साथ मिलकर 8 लाख 40 हजार का गबन..

जशपुर जिले में भ्रष्टाचार की एक नई कहानी सामने आई है. यहां के बगीचा ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने अपने नीचे काम करने वाले कर्मचारियों की मदद से बिना काम किए लाखों रुपए की शासकीय राशि गबन की है. मामले का खुलासा तब हुआ जब इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से हुई और फिर जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. गौरतलब है कि इस मामले की जांच के बाद ज्वाइंट डायरेक्टर एजुकेशन ने जांच रिपोर्ट को आगे की कार्यवाही के लिए समग्र शिक्षा कार्यालय के पास भेज दिया है.

 

क्या था मामला

जशपुर जिले में शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने के लिए शासन ने कुछ नए संकुल केन्द्र बनाने का निर्णय लिया जिसके तहत बगीचा ब्लॉक में शासन के आदेश के बाद 25 नए संकुल बनाए जाने थे. (संकुल कई स्कूलों के समूह को कहा जाता है) जिसके इसटेबलिसमेंट खर्च के लिए शासन द्वारा बीईओ और संकुल कार्डिनेटर के संयुक्त खाते में 40-40 हजार की राशि भेजी गई थी लेकिन बीईओ, बीआरसी और एकाउंटेंट ने संकुल के कार्डिनेटर पर दबाव बनाकर ये राशि निकलवा ली और बिना इसटेबलिसमेंट किए 21 संकुलों की 8 लाख 40 हजार रुपए हजम कर ली. इसके बाद इस मामले में अपने आप को फंसता देख कुछ संकुल कार्डिनेटरों ने इसकी शिकायत संयुक्त संचालक शिक्षा से की थी.

जांच में नपे बीईओ समेत तीन

संयुक्त संचालक ने इस शिकायत की जांच के लिए एक टीम बनाई जिस टीम ने जांच कर संयुक्त संचालक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. जांच में यह पाया गया कि ब्लॉक के 25 संकुलों के लिए शासन द्वारा 40-40 हजार रुपए की राशि इसटेबलिसमेंट के लिए भेजी गई थी. उनमें से 21 संकुल केन्द्रों की 8 लाख 40 हजार की राशि बिना इसटेबलिसमेंट के बीईओ द्वारा निकाल ली गई जिसमें ब्लॉक एजुकेशन आफिसर (BEO) रेशम लाल कोसले के साथ बीआरसी श्री राठौर और अकाउंटेंट शैलेष कुमार अम्बष्ठ दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा जांच अधिकारियों ने अकाउंटेंट शैलेष कुमार को इस मामले में 13 हजार रुपए की रिश्वत लेने का दोषी पाया है.

 

संयुक्त संचालक ने कही यह बात

इस संबंध में संयुक्त संचालक (शिक्षा) सरगुजा संभाग हेमंत उपाध्याय ने एबीपी न्यूज से कहा कि, वहां के समन्वयकों ने शिकायत किया था. हमने जांच रिपोर्ट समग्र शिक्षा को भेज दिया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया कुछ गड़बड़ियां हैं. इस मामले में जिसने रिपोर्ट मंगाया है वो कार्रवाई करेंगे. अगर वो कहेंगे कि हमारे स्तर का होगा तो हम करेंगे, डीईओ के स्तर का होगा तो डीईओ करेगा.

इस मामले पर बीईओ रेशम लाल कोसले का कहना है कि, जो आरोप लगाए हैं वो गलत हैं. सीएससी लोगों के खाते में पैसा गया ? कब लोन निकाला? कोई जानकारी नहीं है और ऊपर ये लोग आरोप गढ़ दिए कि बीईओ के बोलने से ये किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि, उस समय बगीचा बीईओ मनीराम थे, मेरे को जानकारी नहीं थी, उसी समय मैं आया और उसी समय खाते में पैसा डाले थे ये लोग. अक्टूबर आसपास में मुझे जानकारी मिली कि ये लोग कब कब पैसा निकाल लिए. उसी समय मेरा आना हुआ था, मुझे जानकारी नहीं थी. अब पैसा निकालकर कब खा लिए, कैसे किए. मुझे कोई संज्ञान नहीं था. उन्होंने कहा कि कहीं कुछ किए तो बीईओ को लपेटों ऐसा कुछ विवाद हैं.

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