ब्रेकिंग – छत्तीसगढ़ का यह जिला बना बाइक चोरों का गढ़, नागरिक जी रहे खौफ की जिंदगी

राजधानी के अलग-अलग इलाकों की पार्किंग से शुक्रवार-शनिवार को सात से ज्यादा बाइक-मोपेड चोरी हुई हैं। चोर मास्टर और डुप्लीकेट चाबी से लाक खोलकर वाहन चुरा ले गए।

कोई भी गाड़ी अब तक मिल नहीं पाई है। इसमें हीरो और होंडा की बाइक ज्यादा हैं। रायपुर में पिछले 10 माह में चोरी के 1,530 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस बाइक चोरों को पकड़ने में नाकाम नजर आ रही है।

बात दें कि जिले में पांच हजार दोपहिया वाहन हर महीने खरीदे जाते हैं। इसमें से 150 से ज्यादा गाड़ियों को चोर चुरा ले जा रहे हैं। चोरी की गाड़ियों में पुलिस सिर्फ 25 प्रतिशत मामले में गाड़ी बरामद कर पाई है। अधिकतर मामलों में अब तक गाड़ियां नहीं मिली हैं। बाइक चोरों का गिरोह पूरी तरह से सक्रिय है। एक दिन पहले तेलीबांधा थाना क्षेत्र से चार आरोपित पकड़े गए। उसमें से तीन मोटर मैकेनिक हैं। सभी मिलकर शहर के अलग-अलग जगहों से चोरी की वारदात करते थे। इसके बाद नंबर प्लेट बदलकर गाड़ियां चलाते थे, ग्राहक मिलने के बाद बेच देते थे।

जांच के बाद एफआइआर

गाड़ी चोरी की जब भी शिकायत आती है, तो उसकी पहले जांच की जाती है। एक-दो दिन बाद केस दर्ज किया जाता है। पुलिस के अनुसार अधिकतर लोगों की लापरवाही से गाड़ियां चोरी होती हैं। गाड़ियों को लाक नहीं करते हैं। कई बार दुकान या बाजार में लोग गाड़ी में चाबी छोड़कर चले जाते हैं। इसी चूक का फायदा उठाकर चोर गाड़ी लेकर भाग जाते हैं। लोग पुरानी गाड़ियों का लाक भी नहीं बदलते हैं। वहीं पार्किंग का किराया बचाने के लिए लोग कहीं भी गाड़ियां पार्क करके चले जाते हैं।

ओडिशा और झारखंड में बिकती हैं गाड़ियां

चोरी हुई बाइक-मोपेड सबसे ज्यादा ओडिशा और झारखंड में बिकती हैं। वहां लोग बिना दस्तावेज के भी गाड़ी खरीद लेते हैं। गांजा तस्करी सहित अन्य अवैध कामों में उपयोग करते हैं। नंबर प्लेट बदलकर गाड़ियों का कारोबार किया जा रहा है। इसमें बड़ा रैकेट सक्रिय है।

पार्ट्स अलग-अलग कर बेचे जा रहे

गाड़ी चोरी करने के बाद गिरोह उसे कबाड़ी या यार्ड वाले को बेच देते हैं। वहां गाड़ी के एक-एक पार्ट्स को अलग-अलग किया जाता है। टायर, सीट कवर से लेकर एक-एक पार्ट्स को अलग-अलग बेचा जाता है। इससे मार्केट में चोरी की गाड़ियां आसानी से खप जाती हैं। गाड़ी मैकेनिक खरीद लेते हैं। चोरों को बिना दस्तावेज के गाड़ियों का अच्छा दाम मिल जाता है।

कुछ क्षेत्र में आम बात

बाइक चोरी की सबसे ज्यादा वारदातें भीड़भाड़ वाले थाना क्षेत्रों से हो रही है। इसमें कोतवाली, गोलबाजार, मौदहापारा, खमतराई, उरला, टिकरापारा और डीडी नगर थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा बाइक चोरी की वारदात हो रही हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र में सदरबाजार है। मौदहापारा थाना क्षेत्र के प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल अंबेडकर की पार्किंग से बाइक चोरी की वारदात हो रही है। खमतराई में शराब दुकान और बाजार से चोरी की वारदात होते ही रहती है।

क्राइम ब्रांच की विशेष टीम का गठन

शहर में बढ़ी बाइक चोरी को देखते हुए एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट की विशेष टीम का गठन किया गया है। जो लगातार आरोपितों को पकड़ भी रही है। इसके बाद भी चोरी की वारदात कम नहीं हो रही है।

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