BSF कांस्टेबल की सड़क दुर्घटना में हुई थी मौत, कोर्ट ने आश्रितों को दिलवाए 77 लाख रुपये

सड़क हादसे में जान गवाने वाले BSF कांस्टेबल के आश्रितों को जिला न्यायालय ने 77 लाख 40 हजार रुपये बतौर मुआवजा दिलवाए। कोर्ट ने माना कि आश्रितों को पेंशन, ग्रेज्युटी और पीएफ की रकम तो मिलेगी लेकिन इस रकम को क्षतिपूर्ति की रकम में से कम नहीं किया जा सकता।

हादसा 10 फरवरी 2019 को हुआ था। बीएसएफ कांस्टेबल शमसुद्दीन मोटर साइकिल से बेटमा से बिजासन रोड़ स्थित बीएसएफ कैंपस आ रहे थे। शाम करीब चार बजे एयरपोर्ट रोड़ नावदा पंथ पर तेज गति से आ रहे वाहन एमएच 18 बीजी 5476 के चालक ने शमसुद्दीन की मोटर साइकिल को जोरदार टक्कर मार दी। शमसुद्दीन को गंभीर चोट आई। जिला अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी, दो अवयस्क बच्चों और माता-पिता ने एडवोकेट किशोर गुप्ता के माध्यम से जिला न्यायालय में मुआवजे के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया।

आवेदकों की तरफ से तर्क रखा गया कि शमसुद्दीन के असमय मौत से उनके सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है। एडवोकेट गुप्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि मृतक के आश्रितों को पेंशन, पीएफ और ग्रेज्युटी के रूप में राशि मिलना है। इस राशि को समायोजित किया जाना चाहिए लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि पीएफ, ग्रेज्युटी और पेंशन की राशि को क्षतिपूर्ति की रकम में से कम नहीं किया जा सकता।

आवेदकों की तरफ से रखे गए तर्कों से सहमत होते हुए वाहन का बीमा करने वाली बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह एक माह के भीतर शमसुद्दीन के आश्रितों को मुआवजे के रूप में 77 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान करे। बीमा कंपनी ने एक माह में भुगतान नहीं किया तो इस रकम पर अादेश दिनांक से 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा।

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