सरगुजा संभाग: 60 ग्रामीण बीमार दशगात्र में बना भोजन दूसरे दिन खाकर …
सूरजपुर।। रामानुजनगर क्षेत्र के बिशुनपुर गांव में दशगात्र कार्यक्रम में बचे खाने को दूसरे दिन खाकर 60 से अधिक ग्रामीण पुरुष, महिलाएं व बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। जानकारी मिलते ही रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर उल्टी दस्त से पीड़ित ग्रामीणों का उपचार किया। 26 ग्रामीणों को उपचार के पश्चात घर में आराम करने की सलाह दी। वही गंभीर रूप से पीड़ित 37 ग्रामीण मरीजों को जिला चिकित्सालय सूरजपुर में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार जारी है। फिलहाल सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
रामानुजनगर विकासखंड के ग्राम बिशुनपुर बैगा पारा की है। गांव के ही जग्गू सिंह गोंड़ 60 वर्ष की मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा शुक्रवार को दशगात्र कार्यक्रम रखा गया था। इसमें शामिल करीब पांच सौ ग्रामीणों ने भोजन किया था। दशगात्र के दिन बचे भोजन को दूसरे दिन शनिवार को भी ग्रामीणों को कराया गया। दूसरे • दिन सौ से अधिक ग्रामीणों ने भोजन किया। एक दिन पहले बना भोजन करने के कारण ग्रामीण महिला पुरुष एवं बच्चे फूड प्वाइजनिंग को शिकार हो गए। उल्टी दस्त का सिलसिला शुरू होने की सूचना मिलने पर शासकीय चिकित्सालय रामानुजनगर के बीएमओ डा. डीके विश्वकर्मा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांव में कैंप कर उल्टी दस्त से ग्रसित ग्रामीणों का इलाज किया। इलाज के बाद 26 ग्रामीणों की स्थिति नियंत्रित होने पर उन्हें दवा देकर घर में आराम करने की सलाह दी गई। गंभीर स्थिति के कारण 37 मरीजों को तत्काल जिला चिकित्सालय सूरजपुर में भर्ती कराया गया। जहां सीएमएचओ डा. आरएस सिंह एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मरीजों का इलाज किया गया।
जिला अस्पताल में इनका चल रहा उपचार-
उल्टी-दस्त से पीड़ित 27 महिला एवं 10 पुरुषों का इलाज जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में बिशुनपुर गांव की कमला सिंह पुत्री शिवप्रसाद 11 वर्ष समेत सिया बाई 34 वर्ष, राजश्री सात वर्ष, राम कुमारी 35 वर्ष, जगमेन 62 वर्ष, रोमोबाई 50 वर्ष, सलिता 18 वर्ष, फूल बाई 18 वर्ष, धनेश्वरी 17 वर्ष, दीपा 20 वर्ष, इंदिरा कुमारी 40 वर्ष, कुंती बाई 46 वर्ष, राम बाई 40 वर्ष, मोनो बाई 40 वर्ष, परमेश कुमारी 22 वर्ष, बिनीता कुमारी 14 वर्ष मा 12 वर्ष, फुलेश्वरी 22 वर्ष, सुनीता 17 वर्ष, बिंदु आठ वर्ष, सनिता 33 वर्ष, कविता 19 वर्ष, सोनामनी 26 वर्ष समेत अनिता सिंह 21 वर्ष, रोशनी 5 वर्ष, बसंती 25 वर्ष, हीरामनी 3 वर्ष के अलावा निर्मल 30 वर्ष, कमल 20 वर्ष, काली 22 वर्ष, जगनारायण 12 वर्ष, पुष्पराज 8 वर्ष, विवेक 12 वर्ष, सोमार साय 66 वर्ष, आकाश नौ वर्ष, चौमविल 23 वर्ष एवं ओम प्रकाश तीन वर्ष का भी उपचार किया जा रहा है।
दशगात्र के दिन चंदन सिंह के घर बने भोजन को दूसरे दिन खाने की वजह से 60 से अधिक ग्रामीण महिला पुरुष एवं बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए थे। मूंग का बड़ा दूसरे दिन खाने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई। कैंप लगाकर मरीजों का उपचार किया गया। 26 मरीजों को उपचार के पश्चात घर में रहने की सलाह दी गई। 37 मरीजों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
डा. डीके विश्वकर्मा
बीएमओ रामानुजनगर
जिला चिकित्सालय में उल्टी दस्त से पीड़ित 37 ग्रामीण मरीजों का उपचार किया जा रहा है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को एक सप्ताह तक पीड़ित मरीजों एवं बिशुनपुर के बैगा पारा मोहल्ले की निगरानी रखने को कहा गया है। ग्रामीणों को ताजा भोजन एवं पानी पीने को कहा गया है। क्लोरीन टेबलेट एवं ब्लीचिंग पाउडर का वितरण भी किया जा रहा है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।