अम्बिकापुर News: अजिरमा, भगवानपुरखुर्द में अवैध प्लाटिंग का चल रहा खेल…पढ़ें पूरी खबर
अंबिकापुर।। सरगुजा जिले में भू-माफियाओं की सक्रियता कम नहीं हो रही है। राजस्व विभाग के अधिकारी व मैदानी कर्मचारियों द्वारा अवैध कमाई के चक्कर में नियम विरुद्ध तरीके से जमीन की प्लाटिंग और खरीद-बिक्री की खुली छूट दी गई है। प्रविधानों के विपरीत ऐसे जमीन की रजिस्ट्री भी हो रही है। शहर से लगे ग्राम अजिरमा व भगवानपुरखुर्द में तो पटवारी की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग कर जमीन बिक्री की शिकायत दस दिन पहले प्रशासन तक पहुंची है। कार्रवाई तो दूर अभी तक स्थल निरीक्षण और जांच भी नहीं हुई है। इससे राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारियों और भू-माफियाओं के हौसले बुलंद है।
प्रशासन तक जो लिखित शिकायत पहुंची है उसके अनुसार अजिरमा में स्थित दो खसरा नंबर तथा ग्राम खुर्द में स्थित एक खसरा नंबर की जमीन पर अवैध प्लॉटिंग का कार्य किया जा रहा है। ग्राम अजिरमा में स्थित भूमि पर लगभग आधा दर्जन से ज्यादा रजिस्ट्री हो चुकी है, शेष जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रियाधीन है। इसी तरह ग्राम भगवानपुर खुर्द में स्थित भूमि में भी लगभग पांच रजिस्ट्री किया जा चुका है। प्रशासन से आग्रह किया गया है कि अवैध प्लॉटिंग एवं हो चुकी रजिस्ट्री का क्रय-विक्रय, अंतरण, नामान्तरण, निर्माण कार्य भूमि के स्वरूप परिवर्तन पर रोक लगाई जाए ताकि भविष्य में होने वाली इस प्रकार की अवैध प्लॉटिंग पर रोक लग सके।सबसे बड़ी बात है कि कृषि भूमि की प्लाटिंग की जा रही है। डायवर्सन किए बगैर यह सारा खेल चल रहा है। मोटी कमाई के चक्कर में राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारी इन अवैध कार्यों को खुली छूट देकर रखे हुए हैं। रजिस्ट्री भी नियमों के विपरीत कर दी जा रही है। भू माफियाओं और राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारियों के बीच गठजोड़ को तोड़ पाना संभव नहीं हो पा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में यह खेल जारी रहने का आरोप लग रहा है।
न्यायालय ने भी की है नियमों के अनदेखी की पुष्टि
अंबिकापुर के राजस्व न्यायालयों में नियमों की अनदेखी तथा जानबूझकर कार्यों को लंबित रखने की पुष्टि न्यायालय जनोपयोगी सेवा ने भी की है। अंबिकापुर के तत्कालीन एसडीएम द्वारा डायवर्सन के एक प्रकरण को कमाई के चक्कर मे लंबित रखने की पुष्टि पर न्यायालय ने उनपर छह लाख रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया है। जिस जमीन का डायवर्सन जानबूझकर लंबित रखा गया था उसके अगल-बगल की जमीन के डायवर्सन को स्वीकृत किया गया था। न्यायालय में गड़बड़ी की पुष्टि और अर्थदंड अधिरोपित करने के अगले दिन ही एसडीएम यहां से नवपदस्थापना स्थल के लिए रवाना हो गए थे।उक्त फैसले के बाद राजस्व विभाग की जमकर किरकिरी भी हुई थी।