इन कमियों के चलते शनि खूब करवाते हैं पैसों का नुकसान, ऐसे होगा धन लाभ…

शनि जीवन में हर प्रकार के शुभ-अशुभ कर्मों का कारक और फलदाता होता है. आप धनवान होंगे या दरिद्र, ये कर्मों के आधार पर शनि देव ही तय करते हैं. शनि की महादशा 19 वर्ष तक चलती है. इसलिए नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक धन संबंधित कष्ट देता है. अगर शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया से लोगों को खूब धन हानि करवाता है. आइए जानते हैं कि शनि कब और कैसे रुपये-पैसे का नुकसान या लाभ करवाता है।

कब होती है धन की हानि ?

अगर शनि कुंडली के अशुभ भावों में हो या शनि नीच राशि में हो तो पैसों का नुकसान होता है. शनि जब सूर्य के साथ हो, तब भी पैसों का नुकसान होता है. इसके अलावा, अगर कुंडली में शनि प्रतिकूल हो और शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो तब भी धन का नुकसान होता है. अगर आपने बिना सलाह के नीलम धारण कर लिया है, तब भी शनि आर्थिक मोर्चे पर नुकसान करवाता है।

कब मिलता है अपार धन ? अगर शनि कुंडली में अनुकूल हो और तीसरे छठे या एकादश भाव में हो तो जातक को धन का लाभ होता है. अगर शनि उच्च का हो या अपने घर में बैठा हो, तब भी धन लाभ मिलता है. अगर शनि विशेष अनुकूल हो और शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, तब भी आर्थिक लाभ होता है. इसके अलावा, अगर व्यक्ति का आचरण शुद्ध हो और उसका आहार सात्विक हो तब भी धन लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

नौकरी में लाभ के लिए ऐसे करें शनि को प्रसन्न शनिवार को पहले पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद वृक्ष की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. परिक्रमा के बाद शनिदेव के तांत्रिक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. मंत्र होगा – “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”. किसी निर्धन व्यक्ति को सिक्कों का दान करें।

व्यवसाय में लाभ के लिए ऐसे करें शनि को प्रसन्न

शनिवार को सूर्योदय के पूर्व पीपल के वृक्ष में जल डालें. शाम को उसी वृक्ष के नीचे एक बड़ा एक मुखी दीपक लोहे की कटोरी में जलाएं. फिर वहीं पर खड़े होकर शनि चालीसा का पाठ करें. पाठ के बाद किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन करवाएं. इस दिन स्वयं भी सात्विक रहें।

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