शालिग्राम शिला: बेशुमार धन-दौलत लेकर आता है शालिग्राम, जानें इसे घर में रखने के 4 बड़े फायदे…

शालिग्राम।। अयोध्या में रामलाल के निर्माण के लिए नेपाल से शालिग्राम की खास शिलाएं मंगवाई गई हैं. कहते हैं कि शालिग्राम में साक्षात भगवान विष्णु समाए हैं. शालिग्राम 33 तरह के होते हैं, जिनमें से 24 को भगवान विष्णु के स्वरूप से जोड़कर देखा जाता है. आपने कई लोगों को घर में शालिग्राम रखते देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम घर में स्थापित करना कितना शुभ होता है? इसे घर में स्थापित करने से कौन से शुभ परिणाम मिलते हैं? आइए आज आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।

अपार धन की प्राप्ति- चूंकि शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इसे घर में स्थापित करने से धन की देवी मां लक्ष्मी स्वयं प्रसन्न हो जाती हैं. एक बार मां लक्ष्मी का आशीर्वाद किसी इंसान को मिल जाए तो गरीबी या दरिद्रता उससे कोसों दूर रहती हैं. ऐसे लोगों के पास कभी धन की कमी नहीं होती है. इनका जीवन सुख-संपन्नताएं और ऐशोआराम के साथ गुजरता है।

वास्तु दोष- जिस घर में शालिग्राम का नित्य पूजा होती है, उसमें वास्तु दोष और बाधाएं अपने आप समाप्त हो जाती है. अगर किसी घर में वास्तु से जुड़ी समस्या चल रही है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ रहा है तो वहां तुरंत विधिवत पूजा के साथ शालिग्राम स्थापित कर देना चाहिए. शालिग्राम में वास्तु दोष को समाप्त करने की शक्ति होती है।

दांपत्य जीवन में खुशहाली– अगर पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़े बढ़ गए हैं और रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया है तो ऐसे घर में शालिग्राम जरूर रखना चाहिए. शालिग्राम को हमेशा तुलसी की जड़ के पास रखें और नियमित उपासना करें. साथ ही, हर साल तुलसी विवाह के दिन शालिग्राम का विवाह तुलसी के साथ कराएं. आपके दांपत्य जीवन में अपने आप खुशियां आने लगेंगी।

तीर्थस्थान यात्रा जितना पुण्य- धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस घर में शालिग्राम को स्थापित करने के बाद उसकी नियमित पूजा की जाती है, वहां लोगों को समस्त तीर्थों से भी श्रेष्ठ पुण्य प्राप्त होता है. इसके नियमित दर्शन और उपासना से यज्ञ और तीर्थस्थलों पर पवित्र स्नान जितना फल मिलता है. ऐसा कहते हैं कि शालिग्राम शिला के जल से घर में छिड़काव से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

कैसे करें शालिग्राम की पूजा?

पूजा के स्थान में एक पीला कपड़ा बिछाकर चांदी या स्टील के प्लेट पर शालिग्राम को रखें और पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद शालिग्राम पर चंदन लगाएं. एक तुलसी का पत्ता चढ़ाएं. फल, फूल और मिष्ठान अर्पित करें. धूप-दीप जलाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए हल्दी की माला से विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें।

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