छत्तीसगढ़ में 1000 करोड़ के PDS घोटाले पर गर्म हुई बीजेपी, मंत्री ने कहा चल रही है जांच…

छत्तीसगढ़ में मंगलवार को विधानसभा का सत्र काफी हंगामेदार रहा और उसकी एक मुख्य वजह 1000 करोड़ का पीडीएस घोटाला है. इस घोटाले की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पर जामकर निशाना साधा।

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ सरकार को घेरते हुए कहा कि गरीबों का पैसा खाने वाली पार्टी कांग्रेस गरीब विरोधी है. इस मामले में विरोध करते-करते बीजेपी के विधायक सदन से वॉक आउट कर गए. 13 बीजेपी विधायकों की ओर से जो स्थगन प्रस्ताव दिया गया था उसे विधानसभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम ने पढ़ा और इस पर शासन का पक्ष जानना चाहा।

इस पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है. बता दें कि इस घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्म हो गई है. PDS घोटाला मामले में बीजेपी और कांग्रेस के बीच में जुबानी जंग का दौर जारी है।

बीते हफ्ते सदन में प्रश्न काल के दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस घोटाले की चर्चा कर शासन से जवाब मांगा था. जवाब नहीं मिलने पर बीजेपी ने दोबारा उसे मुद्दे को उठाया और कहा कि छत्तीसगढ़ के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि सरकार गरीबों का निवाला छीन रही है।

क्या है यह पूरा घोटाला?

बीजेपी ने अपने आंतरिक जांच में पाया कि कुल मिलाकर राज्य में 13 हजार 301 दुकानों में राशन बांटने में गड़बड़ी की गई है. वहीं सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार 8000 स्टोर पर हुआ है. 40 प्रतिशत दुकानों में गड़बड़ी पाए जाने की बात सामने आ चुकी है।

अकेले चावल में ही 600 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. वरिष्ठ बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर साहब ने यहां चावल की बात की. शक्कर, चना, नमक और गुड़ का भी हिसाब सरकारी पोर्टल में नहीं है. बांटने के बाद बची रह गई इन सभी खाद्य सामग्रियों का वितरण नहीं करते हुए इसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है।

बीजेपी का आरोप है कि स्टॉक वैरिफिकेशन नहीं करने के बदले में एक-एक राशन दुकान वाले से 10-10 लाख रुपये लिया जा रहा है. दरअसल पीडीएस का सारा डेटा बीजेपी सरकार में पोर्टल में मैनेज किया जाता था लेकिन 2022 में भूपेश बघेल की सरकार ने इस ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा को हटा दिया जिसके चलते इस योजना पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

बीजेपी का कहना है कि जो भी स्टॉक का वितरण हुआ उसकी जानकारी पोर्टल पर नहीं है. चावल, शक्कर और गुड़ उपभोक्तों के पास पहुंचने तक एक प्रॉपर मॉनिटरिंग सिस्टम था. अब उस व्यवस्था को ही खत्म कर दिया गया है. यही वजह है कि 88 मैट्रिक टन चावल का कोई हिसाब नहीं है और शक्कर – गुड़ बांटने में भी भ्रष्टाचार पाया गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने क्या जवाब दिया ?

जब शून्य काल में डॉक्टर रमन सिंह द्वारा यह सवाल उठाया गया तो खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि पीडीएस प्रणाली में भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी जांच 24 मार्च तक कर ली जाएगी. वहीं फर्जी राशन कार्ड को लेकर कहा गया कि ये सब बीजेपी के कार्यकाल में बना था लेकिन हम या सुनिश्चित करते हैं कि जल्द ही कारवाई होगी. राज्य में कोई भी गरीबों का चावल और उनका हक उनसे नहीं छीन सकता है।

बीजेपी ने क्या कहा ?

विपक्ष के नेता अजय चंद्राकर ने कहा कि किस दावे पर खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह यह कह रहे हैं कि 24 मार्च तक जांच हो जाएगी? और 24 मार्च की तारीख इसलिए चुनी गई है क्योंकि विधानसभा का सत्र 23 मार्च को खत्म हो जाएगा और यह पूरा मामला दब जाएगा।

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