मंत्री अमरजीत को पटखनी देने के बाद विधानसभा पहुंचे पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो, कहा- भगत मूंछ मुड़वाने वाले बात से मुकर रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए…
![मंत्री अमरजीत को पटखनी देने के बाद विधानसभा पहुंचे पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो, कहा- भगत मूंछ मुड़वाने वाले बात से मुकर रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए... 1 656ed14c60731 ram kumar toppo 052914791 16x9 2 console corptech](https://panchayatsamiksha.in/wp-content/uploads/2023/12/656ed14c60731-ram-kumar-toppo-052914791-16x9-2.jpg)
रायपुर।। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में 5 साल के वनवास के बाद भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मंत्रियों को नए चेहरों ने उखाड़ फेंका है. इसमें से एक सीतापुर सीट से भाजपा प्रत्याशी पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो हैं. राम कुमार टोप्पो ने भूपेश सरकार में मंत्री रहे अमरजीत भगत को 17160 वोटों से हराया है. जीत के बाद आज नाम दर्ज कराने विधायक रामकुमार टोप्पो छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे. उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
इस दौरान विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि मैं राजनीति में आने का सोचा नहीं था, मेरे को सीतापुर की जनता ने स्वयं पत्र लिखकर बुलाया. उनकी मांग से भाजपा ने हमें अपना प्रत्याशी बनाया और आज जीत दर्ज हुई. जनता ने क्षेत्र के तमाम समस्याओं को लिखते हुए कहा था कि आज क्षेत्र खतरे में है. मुझे सेना से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए।
मंत्री अमरजीत भगत को लेकर टोप्पो ने कहा कि चुनौतियों मैं नहीं मानता, शुरू से ही वहां की जनता पूर्ण रूप से हमारे साथ खड़ी थी. इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रहा था. वहां की जनता चुनाव लड़ रही थी इसलिए भारी मतों से जीत कराया, जनता का जनादेश मिला है. जिम्मेदारी बड़ी है मेरे लिए वहां की जनता पहले हैं उनकी समस्याओं के लिए लड़ने आया हूं और लडूंगा।
अमरजीत भगत के कसे गए तंज पर रामकुमार टोप्पो ने कहा कि उन्होंने बहुत सारे तंज किए थे, बहुत हल्के तंज किये थे. शायद उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. फिर भी वह गद्दार हैं तो मैं उनके तंज का स्वागत करता हूं. वह मूंछ मुड़वाने वाले बात से मुकर रहे हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. कमिटमेंट की है तो मुड़वाना चाहिए. जनता की उम्मीद हमारे प्रति ज्यादा है, पार्टी के प्रति ज्यादा है हम इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. यहां की चुनौतियां थोड़ी डिफरेंट है. सेना में सुरक्षा की चुनौतियां होती है. यहां पर जनता की समस्याओं की चुनौती है।