छत्तीसगढ़ में कौन होगा नेता प्रतिपक्ष?.. कांग्रेस के इन दिग्गज विधायकों के नाम पर चर्चा, कल बैठक…

रायपुर।। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का चयन कर लिया गया है। भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुनकुरी से विधायक विष्णुदेव साय को प्रदेश की कमान सौंप दी गई है। विष्णुदेव साय कल यानी 13 दिसंबर को राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री और कई मंत्री भी शपथ ले सकते है। कल ही मध्यप्रदेश नए सरकार का शपथ ग्रहण का कार्यक्रम है लिहाजा इन में समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री और संगठन के बड़े पदाधिकारी शिरकत कर सकते है। शपथ ग्रहण एक बाद ही से कैबिनेट का विस्तार होगा और मंत्रियो व उनके विभागों के नाम सामने आ पाएंगे।

तो यह तो थी भाजपा और सरकार की कवायद । बात करें विपक्षी दल कांग्रेस की तो प्रतिपक्ष कौन होगा इस पर भी चर्चा तेज हो चली हैं। यह चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कुछेक मंत्रियों को छोड़कर सभी बड़े नेता चुनाव हार गए है। इस चुनाव में पीसीसी के दीपक बैज समेत भूपेश कैबिनेट में शामिल रहे 9 मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा पाएं। ऐसे में पार्टी अब किसे सदन में विपक्षी दल के नेता की कमान सौपेंगी दिलचस्प होगा?

इनके नाम की चर्चा

कांग्रेस सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पार्टी के भीतर नेता प्रतिपक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सक्ति विधायक डॉ चरणदास महंत, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल और दलेश्वर साहू और भोलाराम साहू का नाम शामिल है। इसी तरह अगर प्रतिपक्ष की कमान महिला को सौंपा गया तो अनिला भेड़िया भी पहली पसंद होगी। कांग्रेस के 35 विधायकों में 14 पहले बार सदन पहुंचे है। ऐसे में कांग्रेस के विकल्प नहीं है। खुद पूर्व सीएम और पाटन विधायक भूपेश बघेल इसकी अगुवाई करें इसकी संभावना कम ही है। अगर बड़े नेता इस पद पर दिलचस्पी नहीं दिखाते तो सम्भव है कि किसी नए विधायक को ही पद पर बिठाया जाएँ।

नए पीसीसी अध्यक्ष कौन?

कांग्रेस को झटका इस बात से भी लगा है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष दीपका बैज चुनाव हार गए है। इसी तरह उनसे पहले इस जिम्मेदारी को निभाने वाले मोहन मरकाम भी कोंडागांव से अपनी सीट नहीं बचा पाएं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि पार्टी किसे कांग्रेस की कमान सौंपेगी? पार्टी सिर्फ नए अध्यक्ष के चुनाव की चुनौती है बल्कि भाजपा की तरह जातिगत समीकरण को भी साधने का दबाव होगा। भाजपा ने इस बार प्रदेश की कमान आदिवासी नेता को सौंपी है ऐसे में अब कांग्रेस के पास भी मौका होगा की एक बार फिर से आदिवासी चेहरे को सामने कर उन्हें पार्टी को नए सिरे से संवारने की जिम्मेदारी सौंपे।

बुधवार को विधायक दल की बैठक

एक तरफ जहाँ कल नए मुख्यमंत्री शपथ ले रहे होंगे तो दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक दल की बैठक भी चल रही होगी। कांग्रेस के जीते हुए विधायक कल राजीव भवन में जुटेंगे। इस बैठक में हार की समीक्षा तो होगी ही साथ ही अगले नेता प्रतिपक्ष चर्चा संभव है।

Leave a Reply